क्या आप जानना चाहते हैं कि इस साल के केंद्रीय बजट में हमारे स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए क्या है. खास ? आज हम आपको बताएंगे कि 2024-25 के बजट में स्वास्थ्य सेवाओं को कितना महत्व दिया गया है और इससे हमें क्या फायदा होने वाला है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए ₹90,958.63 करोड़ की बड़ी राशि आवंटित की है। आइए, विस्तार से जानते हैं कि इस बजट में क्या-क्या प्रावधान किए गए है
सरकार ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के लिए ₹87,656.90 करोड़ और स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के लिए ₹3,301.73 करोड़ आवंटित किए हैं। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) को ₹7,300 करोड़ मिले हैं, जो पिछले साल ₹6,800 करोड़ थे।
नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन (ABDM) के लिए बजट में कोई वृद्धि नहीं हुई है और यह ₹200 करोड़ पर ही बरकरार है। नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के लिए ₹36,000 करोड़ आवंटित किए गए हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) का बजट ₹2,295.12 करोड़ से बढ़ाकर ₹2,732.13 करोड़ कर दिया गया है।
नेशनल टेली मेंटल हेल्थ प्रोग्राम का बजट ₹65 करोड़ से बढ़ाकर ₹90 करोड़ कर दिया गया है। स्वायत्त संस्थाओं के लिए ₹18,013.62 करोड़ आवंटित किए गए हैं, जिसमें AIIMS, दिल्ली को ₹4,278 करोड़ से बढ़ाकर ₹4,523 करोड़ मिलेंगे।
इसके अलावा, कैंसर के तीन प्रमुख दवाओं पर कस्टम ड्यूटी में पूरी छूट और एक्स-रे ट्यूब्स और डिजिटल डिटेक्टर्स के घटकों पर कस्टम ड्यूटी में कटौती की घोषणा की गई है।
अब आइए, देखते हैं कि इस बजट के फायदे और नुकसान क्या हैं और पिछले बजट की तुलना में यह कितना बेहतर या खराब है।
पहले फायदे की बात करें तो इस बार का बजट स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए पिछली सालों से अधिक है। पिछले साल के बजट की तुलना में AB PM-JAY के फंड में वृद्धि हुई है, जिससे गरीब परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। नेशनल हेल्थ मिशन के लिए फंड बढ़ा है, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करेगा। कैंसर के मरीजों को राहत देने के लिए कस्टम ड्यूटी में छूट दी गई है, जिससे इलाज सस्ता होगा।
वहीं, नुकसान की बात करें तो नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के बजट में कोई वृद्धि नहीं हुई है, जो कि डिजिटल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए आवश्यक है। इसके अलावा, कुछ क्षेत्रों में फंड वृद्धि हुई है, लेकिन अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ है।
अगर पुराने बजट से तुलना करें तो 2019-20 में स्वास्थ्य बजट ₹62,659 करोड़ था, जो अब ₹90,958.63 करोड़ हो गया है। हालांकि, कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में फंड की कमी अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है।
यह बजट स्वास्थ्य क्षेत्र को बड़े पैमाने पर फायदा पहुंचा सकता है, लेकिन कुछ चुनौतियों को भी साथ लाता है।
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