लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र का फैसला
नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और स्वामीनाथन को भारत रत्न
उत्तर से लेकर दक्षिण सबकुछ साधने की कवायद
लोकसभा चुनाव के लिहाज से मास्टर स्ट्रोक
लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार एक के बाद दिग्गज नेताओं को भारत रत्न देने की घोषणा कर रही है.. अब एक बार फिर से तीन नेताओं को भारत रत्न देने की घोषणा केंद्र सरकार ने की है..जिसमें पीवी Narasimha Rao, चौधरी चरण सिंह और एमएस स्वामीनाथन को मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा की है…प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों शख्सियतों को देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान देने की जानकारी सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरों के साथ शेयर की…. आपको बता दें कि
चौधरी चरण सिंह देश के पांचवें और नरसिम्हा राव नौवें प्रधानमंत्री थे.. वहीं कृषि वैज्ञानिक स्वामीनाथन को हरित क्रांति का जनक कहा जाता है… PM मोदी की घोषणा पर चौधरी चरण सिंह के पोते और राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी ने लिखा- दिल जीत लिया.. ये जानकारी भी आपको दे दें कि 2014 में सत्ता संभालने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा दिया गया यह दसवां भारत रत्न है.. इससे पहले 3 फरवरी को बीजेपी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी और 23 जनवरी को बिहार के पूर्व CM कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया था.. इस तरह इस साल 5 हस्तियों को यह सम्मान देने का ऐलान हो चुका है. इनके अलावा मोदी के कार्यकाल में मदन मोहन मालवीय, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को यह सम्मान मिल चुका है.. अब तीन हस्तियों को मिलाकर इस सम्मान को हासिल करने वालों में अब तक कुल 53 लोग शामिल हो चुके हैं..राजनीति के जानकार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार की इस घोषणा को मास्टर स्ट्रोक के तौर पर भी देख रहे हैं. उनका मानना है कि इससे बीजेपी उत्तर से लेकर दक्षिण तक अपनी राजनीति को साध रही है.
बात अगर नरसिम्हा राव की बात करें तो वो 1991 से 1996 तक देश के पीएम रहे थे.. हालांकि, उनके पीएम बनने का फैसला भी अचानक हुआ था, जिसके चलते उन्हें एक्सिडेंटल पीएम भी कहा जाता है.. दरअसल, 1991 में नरसिम्हा राव राजनीति छोड़ हैदराबाद जाकर बसने वाले थे, तभी राजीव गांधी की हत्या हो गई और राव को अचानक पीएम बनाने का फैसला हुआ.. आपको बता दें कि राव के गांधी परिवार से भी अच्छे रिश्ते नहीं थे…साल 1992 में बाबरी विध्वंश के दौरान नरसिम्हा राव के गांधी परिवार से सबसे ज्यादा रिश्ते खराब हुए थे.. उत्तर प्रदेश की बात करें तो पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को यह सम्मान मिलने के बाद यूपी की राजनीति का पूरा समीकरण ही बदल सकता है. बीते कुछ समय से इस तरह की खबरें भी आ रही हैं कि राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी किसी भी दिन NDA में शामिल हो सकते हैं. ऐसे में जब केंद्र सरकार ने चौधरी चरण सिंह को देश के सबसे बड़े सम्मान से नवाजा है तो अब चर्चा भी आम है कि जयंत चौधरी की तरफ से ये ऐलान सिर्फ एक औपचारिकता मात्र है…वहीं महान वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति का जनक कहा जाता है. उन्होंने गेहूं की बेहतरीन किस्म की पहचान की, जिसकी वजह से देश में गेहूं के उत्पादन में भारी बढ़ोतरी हुई. किसानों की आर्थिक हालत सुधारने और पैदावार बढ़ाने के लिए साल 2004 में स्वामीनाथन की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी. कमेटी ने साल 2006 में अपनी रिपोर्ट सौंपी. इसमें कई तरह की सिफारिशें की गई थीं. सरकार ने कई सिफारिशों को लागू किया है. लेकिन अभी कई सिफारिशों को लागू करने को लेकर किसान संगठन मांग करते रहे हैं. इसको लेकर किसान संगठन सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी कर चुके हैं. केंद्र सरकार के स्वामीनाथन को भारत रत्न दिए जाने से किसानों का गुस्सा कम हो सकता है. यानि बीजेपी ने पूरी सोच समझ के साथ भारत रत्न देने की घोषणा की जिससे उससे लोकसभा चुनाव में फायदा मिल सके.