महिन्द्रा नए ओजा ब्रांड के तहत लाएगी 40 नए ट्रैक्टर, घरेलू और विदेशी मार्केट पर फोकस

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महिन्द्रा नए ओजा ब्रांड के तहत लाएगी 40 नए ट्रैक्टर, घरेलू और विदेशी मार्केट पर फोकस

देश में किसानों का जीवन सरल बनाने के लिए सरकार के साथ-साथ कंपनियां भी तरह-तरह के प्रयास करती हैं…ऐसे में

देश की सबसे बड़ी ट्रैक्टर निर्माता कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा अपने नए ओजा ब्रांड के तहत 40 ट्रैक्टर लांच करने की तैयारी में है…कंपनी अब अपने ट्रैक्टर डिविजन को और ज्यादा बढ़ाने पर फोकस कर रही है जिसके तहत ट्रैक्टर डिविजन में 40 और नए ट्रैक्टर जोड़ने वाली है…ये ट्रैक्टर लाइटवेट ग्लोबल प्लैटफॉर्म पर बिल्ट है…महिन्द्रा ओजा ट्रैक्टर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही मार्केट पर फोकस करेंगे…इसमें अमेरिका, जापान और साउथ ईस्ट एशिया जैसे मार्केट शामिल होंगे…

कंपनी ने अपने 40 नए ट्रैक्टर को बाज़ार में उतारने के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं… महिंद्रा ओजा ट्रैक्टर ब्रांड को वैश्विक ट्रैक्टर कार्यक्रम K2 के अनुसार विकसित किया गया है…आपको बता दें कि K2 महिंद्रा का सबसे महत्वाकांक्षी लाइटवेट ट्रैक्टर प्रोग्राम है और इसे विशेष रूप से तेलंगाना के जहीराबाद में कंपनी के ट्रैक्टर प्लांट में बनाया जाएगा…कंपनी ने आगे बताया कि इस प्लांट में दो शिफ्ट के आधार पर हर साल 1 लाख ट्रैक्टर बनाने की कैपिसिटी है….यहां पर महिंद्रा युवो और महिंद्रा जीवो ट्रैक्टर का निर्माण होता है। इसके अलावा प्लस सीरीज के ट्रैक्टर भी इस संयंत्र में बनते हैं। जहीराबाद प्लांट में बनने वाले 65 प्रतिशत ट्रैक्टरों का वैश्विक स्तर पर निर्यात किया जाता है। वर्तमान में इस संयंत्र में 1500 से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत है और महिंद्रा ने इस प्लांट में 10.87 बिलियन रुपए का निवेश किया है। तकनीकी रूप से एडवांस जहीराबाद प्लांट में 30 से 100 एचपी तक के 330 से अधिक विभिन्न ट्रैक्टर वेरिएंट को रोल-आउट करने की सुविधा है। 

कंपनी के पास 4 सब ट्रैक्टर प्लेटफॉर्म है…इसमें सब कॉम्पैक्ट, कॉम्पैक्ट, स्मॉल यूटिलिटी और लार्ज यूटिलिटी शामिल है…कंपनी का कहना है कि ट्रैक्टर कैटेगरी में 40 नए ट्रैक्टर मॉडल को शामिल किया गया है. ये अलग-अलग मल्टीपल HP प्वाइंट्स के हैं…महिन्द्रा के K2 प्रोग्राम के तहत इन सभी ट्रैक्टर्स को मित्सुबिशी महिंद्रा एग्रीकल्चर मशीनरी, जापान और महिंद्रा रिसर्च वैली, महिंद्रा के ऑटो और फार्म क्षेत्र के लिए अनुसंधान एवं विकास केंद्र की इंजीनियरिंग टीमों के सहयोग से विकसित किया गया है…जिसे कंपनी इस साल के अंत तक लॉन्च करेगी…किसानों और खेती की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए ये ट्रैक्टर बेहतर प्रदर्शन और उत्पादकता के लिए फर्स्ट क्लास तकनीक का उदाहरण है…इसके जरिए फार्मिंग बदलेगी और किसानों की जिंदगी में भी सुधार होगा जिससे वो आसानी से खेती करने के साथ-साथ अपनी उत्पादकता भी बढ़ा पाएंगे। 

खेती भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है…भारत में कृषि सिंधु घाटी सभ्यता के दौर से की जाती रही है…1960 के बाद कृषि के क्षेत्र में हरित क्रांति के साथ नया दौर आया और अगर साल 2020-2021 की बात करें तो भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि और इससे जुड़े कार्यों जैसे वानिकी का सकल घरेलू उत्पाद यानि की GDP में हिस्सा 20.2% था…ऐसे में अगर सरकार के साथ-साथ वैज्ञानिक भी खेती में प्रयोग किए जाने वाले उपकरणों को मॉर्डन रूप देंगे तो किसानों का जीवन और आसान होगा और देश की GDP में उनकी भागीदारी और बढ़ेगी। 

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