महाकुंभ में उड़ने वाली हेलीकॉप्टर की हुई 3 करोड़ कमाई, फिर स्टेट GST को चूना लगा फुर्र हो गई ये हेलीकॉप्टर कंपनी; अधिकारियों ने की वसूली

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प्रयागराज में लगे महाकुंभ मेला के दौरान बमरौली एयरपोर्ट से फ्लाई ओला कंपनी ने हेलीकॉप्टर सेवा की व्यवस्था शुरू की थी.उसके बाद एसजीएसटी विभाग की जांच में पता चला कि कंपनी ने उत्तर प्रदेश में जीएसटी पंजीकरण ही नहीं कराया था और लगभग 17 लाख रुपये की कर चोरी की थी. एसजीएसटी विभाग के अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए कंपनी से यह रकम वसूल की.

प्रयागराज के बमरौली एयरपोर्ट से महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को ले जाने वाली दो कंपनी ने हेलीकॉप्टर की सेवा श्रद्धालुओं के लिए शुरू की थी. इसमें एक ने उत्तर प्रदेश में जीएसटी पंजीकरण ही नहीं कराया और मेला समाप्त होते ही यहां से निकल गई. इसकी जानकारी जब एसजीएसटी विभाग के अधिकारियों को मिली तो जांच पड़ताल शुरू की गई और फिर 17 लाख की कर चोरी का मामला सामने आया. जिसके बाद कंपनी के अधिकारियों को नोटिस भेजा गया, जिसके बाद कंपनी द्वारा शुक्रवार को 17 लाख रुपये का भुगतान एसजीएसटी के रूप में किया गया.

फ्लाई ओला नामक कंपनी ने दो हेलीकॉप्टर की सेवा शुरू की थी

महाकुंभ में श्रद्धालुओं के मेला भ्रमण के लिए फ्लाई ओला कंपनी ने दो हेलीकॉप्टर की सेवा शुरू की थी. जिसमें एक में तीन व दूसरे में छह श्रद्धालु सवार हो सकते थे. बमरौली एयरपोर्ट परिसर से यह श्रद्धालुओं को लेकर उड़ान भरता था और बोट क्लब पर बने हेलीपैड पर उतारा जाता था. यहां से दोबारा श्रद्धालुओं को बमरौली एयरपोर्ट ले जाकर छोड़ दिया जाता था.

एसजीएसटी ज्वॉइंट कमिश्नर ने ऑनलाइन दस्तावेजों की जांच की

फरवरी के दूसरे सप्ताह में राज्य जीएसटी के ज्वॉइंट कमिश्नर शक्ति प्रताप सिंह ने ऑनलाइन इस कंपनी के दस्तावेजों की अच्छे से जांच की और इसमें पाया गया कि कंपनी ने हरियाणा में पंजीकरण करा रखा था, बल्कि उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्रेशन नहीं था. जिस पर उन्होंने असिस्टेंट कमिश्नर राजेंद्र यादव, राजेश सिंह व अरविंद कुमार को जांच के सख्त निर्देश देदिए.
अधिकारियों ने एक-एक बिंदु की गंभीरता से जांच करते हुए कंपनी के अधिकारियों से वार्तालाप की. हालांकि, कंपनी के अधिकारी बातों का गोलमोल जवाब देने में लगे रहे. इसके बाद सभी दस्तावेजों को एकत्र किया गया. इसमें एयरपोर्ट व एयर ट्राफिक कंट्रोल से कंपनी के हेलीकॉप्टरों ने कितनी बार कुल उड़ान भरी, इसका डाटा निकला गया.

17 लाख की कर चोरी का मामला आया सामने

यूपी ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड से कुछ जरूरी दस्तावेज लिए गए. इसके बाद अप्रैल के प्रथम सप्ताह में कंपनी के अधिकारियों से फिर से बातचीत करते हुए अधिकारियों ने दस्तावेजों को दिखाया.और यह भी बताया गया कि कुल 17 लाख की कर की चोरी का गई है.

एसजीएसटी विभाग ने कंपनी से कर जमा करवाया

एसजीएसटी ज्वॉइंट कमिश्नर शक्ति प्रताप सिंह ने बताया कि कंपनी ने उत्तर प्रदेश में जीएसटी पंजीकरण नहीं कराया था, जबकि हेलीकाप्टर का संचालन बराबर यहां से किया जा रहा था. महाकुंभ के दौरान कंपनी ने तीन करोड़ रुपये से अधिक मोटी रकम भी कमाई की, लेकिन एक भी रुपये कर नहीं जमा नहीं किया था. जांच के बाद 17 लाख की कर चोरी का मामला सामने आया, जिसे कंपनी के अधिकारियों ने शुक्रवार को जमा भी करा दिया.

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