प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे पर होने वाली सैन्य डील के बाद भारत को एक ऐसा हथियार मिलेगा जो दुश्मनों के होश उड़ा देगा…दोनों देशों के बीच होने वाली इस डील से भारत को एमक्यू-9B प्रीडेटर ड्रोन मिल जाएगा जिसका काफी लंबे समय से सेना को इंतज़ार है…एमक्यू-9B प्रीडेटर दुश्मनों पर चुपके से नजर रखता है और जरुरत पड़ते ही मिसाइल से हमला कर देता है…अमेरिका इसे हंटर-किलर यूएवी कहता है…एमक्यू-9B प्रीडेटर लॉन्ग रेंज एंड्योरेंस ड्रोन है जो हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस रहता है…इसमें लगे R9X हेलफायर मिसाइल से जवाहिरी के अड्डे पर हमला किया गया था
भारत आने वाला है दुनिया का सबसे घातक हमलावर ड्रोन? देश के दुश्मनों की अब खैर नहीं…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे पर होने वाली सैन्य डील के बाद भारत को एक ऐसा हथियार मिलेगा जो दुश्मनों के होश उड़ा देगा…दोनों देशों के बीच होने वाली इस डील से भारत को एमक्यू-9B प्रीडेटर ड्रोन मिल जाएगा जिसका काफी लंबे समय से सेना को इंतज़ार है…एमक्यू-9B प्रीडेटर दुश्मनों पर चुपके से नजर रखता है और जरुरत पड़ते ही मिसाइल से हमला कर देता है…अमेरिका इसे हंटर-किलर यूएवी कहता है…एमक्यू-9B प्रीडेटर लॉन्ग रेंज एंड्योरेंस ड्रोन है जो हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस रहता है…इसमें लगे R9X हेलफायर मिसाइल से जवाहिरी के अड्डे पर हमला किया गया था
आपको बता दें कि एमक्यू-9B प्रीडेटर को रिमोट से उड़ाया जाता है…इसे अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स बनाती है…इसे किसी भी तरह के मिशन के लिए तैनात किया जा सकता है…जैसे- सर्विलांस, जासूसी, सूचना जमा करना या फिर दुश्मन के ठिकाने पर चुपके से हमला करना…एमक्यू-9B प्रीडेटर ज्यादा समय तक और ज्यादा ऊंचाई से निगरानी करने में सक्षम हैं. इसकी रेंज 1900 किलोमीटर है, ये अपने साथ 1700 किलोग्राम वजन का हथियार लेकर जा सकता है…इसे चलाने के लिए दो कंप्यूटर ऑपरेटर्स की जरूरत होती हैं जो ग्राउंड स्टेशन पर बैठकर वीडियो गेम की तरह इसे चलाते हैं…एमक्यू-9बी ड्रोन को दुनिया का सबसे एडवांस्ड ड्रोन माना जाता है…यह ड्रोन पनडुब्बी-रोधी युद्ध क्षमता से लैस है…इसके साथ ही साथ जमीन पर हमला करने के अलावा एंटी-शिप मिसाइल को भी निशाना बना सकता है…
एमक्यू-9B प्रीडेटर की लंबाई 36.1 फीट, विंगस्पैन 65.7 फीट, ऊंचाई 12.6 फीट होती है…ड्रोन का खाली वजन 2,223 किलोग्राम होता है जिसमें 1,800 किलोग्राम ईंधन की क्षमता होती है…ये 482 किलोमीटर प्रतिघंटा की चाल से उड़ान भरता है जो 50 हजार फीट की ऊंचाई से दुश्मन को देखकर उसपर मिसाइल से हमला कर सकता है…आमतौर पर इसे 25 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ाया जाता है…
एमक्यू-9B प्रीडेटर पर हथियारों के नाम पर मिसाइल लगाए जाते हैं…इसमें सात हार्ड प्वाइंट होते हैं, दो इनबोर्ड स्टेशन, दो मिडल स्टेशन एक आउटबोर्ड स्टेशन और सेंटर स्टेशन…इसमें 4 AGM-114 हेलफायर मिसाइलें लगी होती हैं जो हवा से जमीन पर सटीक हमला करती हैं…इसके आने से भारतीय सेना की ताकत में कई गुना इजाफा हो जाएगा…हिंद महासागर में उसकी सर्विलांस क्षमता बढ़ेगी…ये वही क्षेत्र है जहां पर इस समय चीन अपनी नौसेना की मौजूदगी को बढ़ाने में लगा हुआ है…एमक्यू-9B प्रीडेटर की मदद से पूर्वी लद्दाख में भी चीन का सामना करने में भारतीय सेना को बड़ी मदद मिलेगी
फिलहाल भारत की सेनाओं के पास दो एमक्यू-9बी ड्रोन हैं…ये ड्रोन बेसिक वर्जन वाले ड्रोन हैं और इन्हें साल 2020 में अमेरिका से तब लीज पर लिया गया था जब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ टकराव जारी था…इस ड्रोन की वजह से ही भारत को चीन की सेनाओं और भारतीय सीमा में उनके अतिक्रमण की जानकारी मिली थी…जिसके बाद ही भारतीय सेना ने दुश्मन चीन के खिलाफ अपना प्लान तैयार किया था…