पहाड़ों में कहींं बर्फबारी, कहीं बारिश, राजधानी में गर्मी…आगे क्या रंग दिखाएगा मौसम। जानिए

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हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा, दिल्ली में भीषण गर्मी से नहीं राहत 

शिमला. हिमाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी और कई हिस्सों में भारी बारिश होने के कारण सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गय़ा है वहीं दिल्ली में भीषण गर्मी से राहत के लिए सरकार ने हीट एक्शन प्लान 2025’ शुरू किया गया है।

ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ताजा बर्फबारी

लाहौल-स्पीति जिले में खासकर मनाली और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ताजा बर्फबारी हुई, जबकि किन्नौर, उदयपुर और मंडी जैसे निचले इलाकों में भारी बारिश और आंधी-तूफान का असर रहा। लगातार बारिश से भूस्खलन हुआ है जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उदयपुर-किलाड़ सड़क कढू नाला से करीब दो किमी पहले और जंगल कैंप क्षेत्र (किमी 74.400) के पास बड़े भूस्खलन के कारण बंद है।

नेसांग झूला और भगत नाला से टिंकू नाला के बीच मरम्मत कार्य जारी है लेकिन खराब मौसम बाधा बना हुआ है। प्रशासन ने लोगों से प्रभावित मार्गों पर यात्रा न करने की अपील की है।

पुलिस चौकी हिंदी और पीपी टिंडी से मिली जानकारी के अनुसार कढू नाला के पास भूस्खलन के कारण उदयपुर से किलाड़ सड़क भी बंद है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने बताया कि मौसम अनुकूल रहा तो सोमवार से सड़क साफ करने का कार्य शुरू होगा।

शिमला मौसम केंद्र ने शिमला, मंडी, हमीरपुर, सोलन और सिरमौर जिलों में हल्की से मध्यम बारिश और 30-50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की चेतावनी दी है। कुछ जगहों पर ओलावृष्टि भी हुई है।

पहाड़ी राज्य में शीतलहर और तेज

मौसम विभाग ने लोगों को घर के अंदर रहने, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अनप्लग करने और बिजली गिरने के दौरान पेड़ों के नीचे खड़े न होने की सलाह दी है। यहां बारिश के चलते तापमान में तीन-चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है जिससे पहाड़ी राज्य में शीतलहर और तेज गई है।

फिलहाल अधितकर जिलों में मौसम धीरे-धीरे बेहतर होने के आसार हैं लेकिन लाहौल-स्पीति, किन्नौर और चंबा व कुल्लू की ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी और बारिश जारी रहने का अनुमान है। प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है और यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे आधिकारिक निर्देशों का पालन करें और संवेदनशील क्षेत्रों में जाने से बचें।

भीषण गर्मी से राहत दिलाना प्राथमिकता

इधर,दिल्लीवासियों को गर्मी और लू से बचाने के लिए एक वैज्ञानिक और जन-उन्मुख योजना के तहत ‘दिल्ली हीट एक्शन प्लान 2025’ शुरू किया गया है।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली की जनता को आगामी दिनों में भीषण गर्मी से राहत दिलाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। लू के खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार ने ‘हीट एक्शन प्लान’ को आज लांच कर दिया है, जिसके अंतर्गत पूरे शहर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, स्कूलों, निर्माण स्थलों और सार्वजनिक स्थलों पर विशेष सावधानियां बरती जाएंगी। हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं, शीतल पेयजल की उपलब्धता, शेड्स और ठहराव स्थलों की व्यवस्था की जाए।

गर्मी की मार से बीमार न हो

उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि लू के दौरान कोई भी नागरिक गर्मी की मार से बीमार न हो। सभी सम्बंधित विभाग मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ‘हीटवेव अलर्ट’ समय पर लोगों तक पहुंचे, और बचाव के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते कुछ वर्ष से दिल्ली में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, जो सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि जनजीवन के लिए गंभीर चेतावनी है। जब गर्मी इतनी विकराल होती है, तो हमारी तैयारी भी उतनी ही ठोस होनी चाहिए। हीटवेव अब सिर्फ मौसम की स्थिति नहीं, बल्कि एक जानलेवा संकट बन चुकी है। इसी चुनौती का समय रहते मुकाबला करने के लिए दिल्ली सरकार ने ‘हीट एक्शन प्लान 2025’ लॉन्च किया है। यह केवल एक सरकारी दस्तावेज नहीं है, बल्कि हर दिल्लीवासी की सुरक्षा के लिए सरकार और जनता की साझी ज़िम्मेदारी का प्रतीक है।

फुटपाथों पर कूलिंग शेड्स बनाए जाएंगे

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा फुटपाथों पर कूलिंग शेड्स बनाए जाएंगे, ताकि राह चलते लोगों को धूप से राहत मिल सके। इसके अलावा, बस स्टॉप्स को भी इस तरह डिज़ाइन किया जाएगा कि वहां खड़े बस का इंतज़ार करने वाले लोगों को गर्मी से राहत मिले। यह योजना बच्चों, बुज़ुर्ग, खुले में काम करने वाले श्रमिक, महिलाएं, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, दिव्यांगजन और पुरानी बीमारियों से ग्रसित लोगों को प्राथमिकता में रखकर तैयार की गई हैं।

जारी किए जाएंगे हीटवेव अलर्ट

उन्होंने बताया कि मौसम विभाग के सहयोग से समय रहते हीटवेव अलर्ट जारी किए जाएंगे। दिल्ली के बड़े अस्पतालों में हीटवेव वार्ड तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें ठंडक की सुविधा, ओआरएस और प्रशिक्षित स्टाफ उपलब्ध रहेंगे। झुग्गी-बस्तियों और कम आय वाले इलाकों में छांव, पीने के पानी और मदद केंद्र बनाए जा रहे हैं। स्कूलों में बच्चों को ‘वॉटर बेल’ के जरिए पानी पीने की आदत डाली जाएगी और दिल्ली के 5500 से अधिक स्कूलों के 14 लाख बच्चों को आपदा प्रबंधन और हीटवेव से बचाव के लिए जागरूक और प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही सार्वजनिक स्थलों जैसे बस स्टॉप और रेलवे स्टेशन पर ठंडे पानी की व्यवस्था की जाएगी।



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