पशु-पक्षियों को पतंग की डोर से बचाने इस वर्ष दुगनी करुणा एंबुलेंस | उत्तरायण पर पशु-पक्षी घायल होने का आंकड़ा 78 प्रतिशत तक बढ़ने की आशंका

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पशु-पक्षियों की इमरजेंसी के आंकड़े 1,476 तक संभावित

पिछले कुछ वर्षों के तथ्यों और विश्लेषण के आधार पर देखा जाए तो इस वर्ष 14 जनवरी को पतंग की डोर के चलते राज्य में पशु-पक्षियों की इमरजेंसी के आंकड़े 1,476 तक दर्ज हो सकते हैं। इस वर्ष आम दिनों में इस तरह के औसतन 842 मामले सामने आ रहे हैं। 14 जनवरी को यह 75.28 प्रतिशत तक अधिक हो सकते हैं। 15 जनवरी को इस तरह के मामले 1,495 तक पहुंच सकते हैं जो 77.53 फीसदी अधिक हैं।

पक्षियों से संबंधित आपातकालीन मामलों की संख्या

14 जनवरी को 685 और 15 जनवरी 487 होने आशंका है। आम दिनों में राज्य में इस तरह के महज 26 मामले ही दर्ज होते हैं। राज्य के 33 जिलों में से अहमदाबाद, अरावली, बनासकांठा, गांधीनगर, महिसागर, नवसारी, पंचमहल, पाटण, राजकोट, साबरकांठा, सूरत और सुरेन्द्रनगर जिलों में इस तरह के मामले ज्यादा सामने आते हैं।

चाइनीज जैसी घातक डोरों के उपयोग से बचने की सलाह

गुजरात इमरेंजी 108 एम्बुलेंस की ओर से नागरिकों से चाइनीज जैसी घातक डोरों उपयोग नहीं करने की अपील की गई है। साथ ही यह भी अनुरोध किया है कि कोई भी पशु-फक्षी के घायल होने पर तत्काल 1962 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया जाना चाहिए।

सबसे ज्यादा अहमदाबाद में इमरजेंसी

सामान्य दिनों में राज्य में राज्य में पशु-पक्षियों के घायल होने के औसतन 842 इमरजेंसी मामले सामने आते हैं। अहमदाबाद में इनमें से 86 का औसत है। 14 और 15 जनवरी को अहमदाबाद में क्रमश: 243 और 242 का औसत रह सकता है जो 180 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्शाता है।गांधीनगर में आमदिनों में 22 के मुकाबले क्रमश: 52 और 60 पशु पक्षियों के घायल होने की आशंका है। राजकोट में 46 की तुलना में 104 और 87 मामले, सूरत में 78 के मुकाबले 127 और 147 तथा वडोदरा में 52 की तुलना में 55 और 68 पशुपक्षियोंके घायल होने की आशंका जताई है।



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