दिल्ली की एक अदालत ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने के मामले में एक व्यक्ति को 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर ने पॉक्सो अधिनियम की धारा छह (गंभीर यौन उत्पीड़न) के अलावा दुष्कर्म और अपहरण के लिए दोषी ठहराए गए 31 वर्षीय व्यक्ति के मामले की सुनवाई की।
अतिरिक्त लोक अभियोजक योगिता कौशिक दहिया ने कहा कि दोषी ने नाबालिग को अगवा किया और उसे बहला-फुसलाकर अपने घर ले गया तथा जुलाई 2020 में कई बार उसके साथ यौन उत्पीड़न किया। दहिया ने कहा कि दोषी के साथ 2020 में किए गए उसके घृणित और निंदनीय कृत्य के लिए कोई सहानुभूति नहीं दिखायी जानी चाहिए।
फरवरी में दिए गए फैसले में अदालत ने अपराध की गंभीरता, पीड़िता और दोषी की उम्र, उनके परिवार की स्थिति और सामाजिक-आर्थिक हालात को ध्यान में रखते हुए दोषी को पॉक्सो अधिनियम की धारा छह के तहत 20 साल की कठोर सजा सुनाई।
अदालत ने इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि लड़की को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। उसने न केवल शारीरिक दर्द और मानसिक तनाव झेला, बल्कि उसकी ज़िंदगी की सामान्य सुख-सुविधाएं भी छिन गईं। अदालत ने कहा कि लड़की को वित्तीय सहायता की आवश्यकता है, इसलिए उसे 10.5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।