देश के कुछ बड़े शहरों में घरों का किराया आसमान छू रहे हैं, जानिए क्यों?

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बता दें कि हमारे देश में बड़ी संख्या प्रवासी भारत आते हैं। सबसे मजेदार बात यह है कि ये प्रवासी मॉर्डन सुविधाओं से युक्त घरों को किराए पर लेते हैं। ऐसे में देश के कुछ खास शहरों विशेषकर गुरूग्राम, दिल्ली और मुम्बई में ‘डॉलर होम्स’ की डिमांड तेजी से बढ़ी है। इन शहरों में आधुनिक सुविधाओं से लैश ‘डॉलर होम्स’ के किराए में तकरीबन 50 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। बता दें कि जो प्रवासी भारत आते हैं और किराए पर एक शानदार घर लेते हैं उन्हें ‘डॉलर होम्स’ कहा जाता है।

यह सच है कि मौजूदा दौर में पूरे देश में रियल एस्टेट मार्केट में अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखने को मिल रही है लेकिन इससे प्रवासियों को दरकिनार नहीं किया जा सकता है। बता दें कि हमारे देश में बड़ी संख्या प्रवासी भारत आते हैं। सबसे मजेदार बात यह है कि ये प्रवासी मॉर्डन सुविधाओं से युक्त घरों को किराए पर लेते हैं। ऐसे में देश के कुछ खास शहरों विशेषकर गुरूग्राम, दिल्ली और मुम्बई में ‘डॉलर होम्स’ की डिमांड तेजी से बढ़ी है।

इन शहरों में आधुनिक सुविधाओं से लैश ‘डॉलर होम्स’ के किराए में तकरीबन 50 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। बता दें कि जो प्रवासी भारत आते हैं और किराए पर एक शानदार घर लेते हैं उन्हें ‘डॉलर होम्स’ कहा जाता है।ब्रोकर्स के हवाले से एक रिपोर्ट के मुताबिक ‘डॉलर होम्स’ की डिमांड इतनी ज्यादा है कि 24 घंटे के अंदर घर किराए पर उठ जाता है और किराएदार एक-दूसरे से बढ़कर बोली लगा रहे हैं। ऐसे में घरों का किराया 3 लाख से 14 लाख रुपए प्रतिमाह के बीच है। बता दें कि दिल्ली में मौजूद एंबेसी स्कूलों और वाणिज्यिक दूतावासों से सटे इलाकों जैसे जोर बाग, वसंत विहार, मालचा मार्ग, शांति निकेतन और वेस्ट एंड ‘डॉलर होम्स’ के पसंदीदा लोकेशन हैं।

वेलकम होम लक्जरी रियल एस्टेट सर्विसेज की फाउंडिंग पार्टनर सुश क्लेज का कहना है कि वे प्रवासियों को घर किराए पर दिलवाने में मदद करती हैं। सुश के मुताबिक ज्यादातर प्रवासी ऐसे मॉर्डन अपार्टमेंट की डिमांड करते हैं जिनमें बेहतरीन इंटिरियर, बेहतरीन किचन,  ब्रांडेड सामान के साथ शानदार बाथरूम से युक्त हो। इसके अतिरिक्त एबेंसी स्कूलों तथा वाणिज्यिक दूतावासों तथा राजनयिक इलाकों से सटे अपार्टमेंट ही इन प्रवासियों की पहली पसंद होते हैं।

सुश क्लेज का ऐसा मानना है कि देश में ग्लोबल कंप​नियों के निवेश तथा व्यापारिक गठजोड़, दूतावासों में कर्मचारियों की बढ़ोतरी तथा किराए के लिए लग्जरी घरों की डिमांड तथा सप्लाई की कमी के चलते किराए में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा बेहतरीन अपार्टमेंट खोजने की होड़ मची हुई है। दिल्ली में हर तरह के आधुनिक सुविधाओं से लैंश अपार्टमेंट खोजना लंदन शहर जितना ही मुश्किल हो चुका है।क्लेज ने आगे कहा कि यदि आपके पास आज खाली घरों की लिस्ट है तो अगले 24 घंटें में सभी मकान किराए पर उठ जाएंगे। किराएदारों के बीच ज्यादा से ज्यादा किराया देने की होड़ मची हुई है। हालात ऐसे हैं कि किराएदार ज्यादा हैं और घरों की संख्या बहुत कम है। गौरतलब है कि युवा प्रवासी 1600 से 2000 वर्गफुट के छोटे अपार्टमेंट की डिमांड करते हैं, वो भी मॉर्डन उपकरणों के साथ। ऐसे अपार्टमेंट का किराया 2 लाख रुपए से ज्यादा है, साथ में 2 से 3 महीने की सिक्योरिटी अमाउंट भी देना जरूरी है।

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