दुनिया का एक ऐसा गांव जहां एक बार सोने पर कई महीने तकनहीं खुलतीनींद, आखिर क्यों?

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 यदि हम आपसे कहें कि एक ऐसा गांव अभी भी है, जहां यदि कोई इंसान एक बार सो जाए तो वह कई महीने तक नींद से उठ नहीं पाता है। जी हां, दोस्तों मुझे पता है, इस खबर पर आपको शायद विश्वास नहीं हो लेकिन यह 100 फीसदी सच है। कजाकिस्तान में एक ऐसा गांव हैं जहां के लोग महीनों तक सोते रहते हैं। जी हां, दरअसल उस गांव का नाम कलाची है, जहां के प्रत्येक निवासी की सोने की अवधि औसतन एक महीने होती है। यह बात सौ फीसदी सच है कि यदि कोई भी शख्स इस गांव में एक बार सो गया तो वह कम से कम एक महीने से पहले नहीं उठेगा।

वील्मिकी कृत रामायण और गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस में लंका के राजा रावण के अनुज कुम्भकर्ण का उल्लेख मिलता है। रामचरितमानस के मुताबिक कुम्भकर्ण एक दिन के लिए जागता था और छह महीने तक सोता रहता था। इस बारे में ब्रह्मा जी का वरदान था यदि कोई इसे बलपूर्वक उठाएगा तो वही दिन कुम्भकर्ण का अंतिम दिन होगा।इस पौराणिक गाथा को छोड़कर यदि हम आपसे कहें कि एक ऐसा गांव अभी भी है, जहां यदि कोई इंसान एक बार सो जाए तो वह कई महीने तक नींद से उठ नहीं पाता है। जी हां, दोस्तों मुझे पता है, इस खबर पर आपको शायद विश्वास नहीं हो लेकिन यह 100 फीसदी सच है। दुनियां में अभी भी ऐसी कई जगहें मौजूद हैं जहां की अजीबो-गरीब घटनाएं आपको हैरान कर देंगी।

बता दें कि कजाकिस्तान में एक ऐसा गांव हैं जहां के लोग महीनों तक सोते रहते हैं। जी हां, दरअसल उस गांव का नाम कलाची है, जहां के प्रत्येक निवासी की सोने की अवधि औसतन एक महीने होती है। यह बात सौ फीसदी सच है कि यदि कोई भी शख्स इस गांव में एक बार सो गया तो वह कम से कम एक महीने से पहले नहीं उठेगा। पूरी दुनिया में कलाची गांव को स्लीपी हॉलो के नाम से भी जाना जाता है। कजाकिस्तान में मौजूद कलाची गांव की कुल आबादी 600 है। एक रिपोर्ट्स के मुताबिक इस गांव की कुल आबादी के 14 प्रतिशत लोग लंबी और गहरी नींद की समस्या से पीड़ित हैं। अब आप समझ गए होंगे कि इस गांव में रहने वाले लोग नींद की समस्या से किस कदर परेशान होंगे। इस गांव में नींद का आलम यह है कि कई बार कुछ लोग बीच सड़क पर ही सो जाते हैं।

आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि साल 2010 से पहले कलाची गांव की हालत कुछ ऐसी नहीं थी। साल 2010 में पहली बार एक स्कूल के कई छात्र सो गए और कई दिनों तक लगातार सोते रहे बावजूद इसके स्कूल के टीचर और स्कूल प्रबंधन से जुड़े लोगों ने इन बच्चों को जगाने की बहुत कोशिश की लेकिन एक भी बच्चा नींद से नहीं उठा। कजाकिस्तान के कलाची गांव के कुछ लोगों का कहना है कि नींद से जागने के बाद उन्हें कुछ याद नहीं रहता है कि वे कब और कितनी देर तक सोते रहे। वहीं दो-चार लोगों का कहना है कि गहरी और लंबी निद्रा में चले जाने के बाद उनका दिमाग सुन्न हो जाता है और वे सपनों की दुनिया में चले जाते हैं।

गौरतलब है कि कजाकिस्तान के कलाची गांव के प्रत्येक शख्स को लंबी और गहरी नींद  क्यों आती है, इस संबंध में वैज्ञानिकों को अभी तक कोई स्पष्ट कारण पता नहीं चल सका है। हांलाकि ज्यादातर वैज्ञानिकों का मानना है कि कलाची गांव के लोग एक अजीबोगरीब बीमारी से ग्र​सित हैं, जिससे वे लंबी और गहरी नींद में चले जाते हैं। 

कलाची के लोगों की नींद की समस्या को लेकर कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके लिए गांव का प्रदूषित पानी भी जिम्मेदार है। वैज्ञानिकों ने कई तरह के चिकित्सकीय परीक्षण के बाद पाया कि गांव के पानी में कार्बन मोनोऑक्साइड है। इस वजह से लोग कई महीनों तक सोए रहते हैं।

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