दिल्ली में फर्जी वीजा गिरोह का भंडाफोड़, 8 लाख में जर्मन वीजा की पेशकश; चार गिरफ्तार

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Fake visa gang busted in Delhi

दिल्ली में फर्जी वीजा गिरोह का भंडाफोड़ | Image:
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नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न देशों के फर्जी वीजा स्टिकर और अस्थायी निवास कार्ड बनाने तथा उन्हें मुहैया कराने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान पंजाब निवासी परमजीत सिंह (25), दिल्ली निवासी ताजिएंदर सिंह (51), सुनील कुमार सूद (67) और उदय पाल सिंह (42) के रूप में हुई है।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 16 दिसंबर को लखवीर सिंह ने चाणक्यपुरी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि वह और उसके चार दोस्त सोशल मीडिया मंच ‘इंस्टाग्राम’ के जरिए रणवीर नाम के एक व्यक्ति के संपर्क में आए थे, जिसने प्रति व्यक्ति आठ लाख रुपये की लागत पर उनके लिए जर्मन वीजा मुहैया कराने की पेशकश की थी।

अधिकारी ने बताया कि रणवीर ने उन्हें परमजीत का मैक्सिको का नंबर मुहैया कराया। अगस्त में वे परमजीत से मिले, जिसने उनसे पासपोर्ट और प्रति व्यक्ति 20,000 रुपये की टोकन राशि ली। इसके बाद उन्होंने परमजीत को प्रति व्यक्ति एक लाख रुपये की एक और किस्त दी, जो कुल मिलाकर छह लाख रुपये थी।

पुलिस ने बताया कि एक दिसंबर को परमजीत ने उन्हें एक फोटोकॉपी भेजी जिसमें बताया गया कि एक वीजा मिल गया है और बाकी जल्द ही मिल जाएंगे। हालांकि, जब शिकायतकर्ता ने अपने एजेंट के जरिए वीजा की पुष्टि की, तो उन्हें पता चला कि यह फर्जी है।

परमजीत ने 16 दिसंबर को आवेदकों से संपर्क किया और उनसे जर्मन वीजा प्राप्त करने तथा शेष राशि का भुगतान करने के लिए कहा।

उन्होंने बताया कि उसी दिन पीड़ितों में से एक ने चाणक्यपुरी थाने में शिकायत दर्ज कराई। बाद में परमजीत को कुवैत दूतावास के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस उपायुक्त (नयी दिल्ली) देवेश कुमार महला ने बताया कि जांच में पता चला कि परमजीत पहले भी इसी तरह के मामलों में शामिल रहा है। उसने यह दावा किया कि वह गुरुद्वारा बंगला साहिब में अज्ञात ऑटो-रिक्शा चालकों से नकली वीजा के ‘स्टिकर’ प्राप्त करता था और आपूर्तिकर्ताओं से केवल तंजानिया के व्हाट्सएप नंबर के माध्यम से संपर्क करता था

पुलिस उपायुक्त ने बताया कि टीम ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया और ऑटो-रिक्शा चालक का पता लगाया, जिसने रानी बाग में स्कूटर पर सवार दो अज्ञात व्यक्तियों से ‘पार्सल’ प्राप्त करने की बात बताई, जिसे गुरुद्वारा बंगला साहिब में डिलीवरी के लिए भेजा जाना था।

पुलिस ने बताया कि बाद में तजिंदर, सूद और उदय पाल को गिरफ्तार कर लिया गया।

उसने बताया कि उनके पास से एक लैपटॉप, एक कलर प्रिंटर, जाली वीजा स्टिकरों का बड़ा डाटा रखने वाले दो पेन ड्राइव, 14 जाली मुहरें आदि बरामद की गईं।

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