जिनालय निर्माण में होता पुण्य से प्राप्त लक्ष्मी का सदुपयोग  | Lakshmi obtained through virtue is used properly in the construction of Jain temple

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ट्रस्ट के कार्यकारिणी सदस्य कुशलराज गुलेच्छा ने बताया कि छह माह के समय में मंदिर का काम पूरा करने की योजना है। ट्रस्ट के कार्यकारिणी सदस्य किशोर जैन ने बताया कि यह मंदिर शंखेश्वर की तर्ज पर बिना लाइट वाला होगा। ट्रस्ट के कार्यकारिणी सदस्य अशोक नागोरी, राजू सुजानी ने भी विचार व्यक्त किए । स्नात्र पूजा, दशदिगपाल, नवग्रह, अष्टमंगल पूजन और शिलान्यास का विधि विधान रोहित गुरु ने करवाए। शिल्पकार चेतनभाई सोमपुरा के निर्देशन में मंदिर का निर्माण होगा। ट्रस्ट के कार्यकारिणी सदस्य महावीर मेहता ने स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।इस मौके पर चिकपेट संघ के अध्यक्ष गौतम सोलंकी, तेजराज मालानी, शांतिलाल नागोरी, तेजराज गुलेच्छा, बाबूलाल मेहता, विमल गांग, महावीर जैन, भरत रांका, उत्तम गुलेच्छा, मनोहर भंडारी, कुमारपाल सिसोदिया, संघ के प्रवक्ता ललित डाकलिया आदि मौजूद थे।

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