जरा संभलकर जनाब… FRS जानता है आपके राज, गड़बड़ की तो कर देगा पर्दाफाश, दिल्‍ली पुलिस ने पेश किया बेहतरीन उदाहरण

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Delhi Police FR System: यदि आपके दिमाग में कोई खुराफात चल रही है और आप जरा खबरदार हो जाइए. दिल्‍ली पुलिस के पास अब एक ऐसा सिस्‍टम आ गया है, जो आपकी सालों की साजिश पर न केवल पानी फेर देगा, बल्कि पलभर में आपका राज फाश कर देगा. जी हां, बीते दिनों दिल्‍ली पुलिस ने इस सिस्‍टम का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है. इस सिस्‍टम की मदद से दिल्‍ली पुलिस ने सालों से पहचान बदलकर रह रहे एक अपराधी की न केवल पहचान सुनिश्‍चत की, बल्कि उसे गिरफ्तार भी कर लिया.

दरअसल, हम जिस सिस्‍टम की बात कर रहे हैं, उसका नाम है फेसिअल रिकग्निशन सिस्टम (Facial Recognition System). कुछ ही दिनों पहले फेसिअल रिकग्निशन सिस्टम को दिल्‍ली के नार्थ वेस्‍ट डिस्ट्रिक में इंट्रोड्यूस किया गया है. इस सिस्‍टम का पहला सफल इस्‍तेमाल लंबे समय से लंबित पड़े धोखाधड़ी के एक मामले में किया गया है. इस सिस्‍टम ने सालों से पहचान बदलकर रह रहे अपराधी का न केवल असली नाम उजागर कर दिया, बल्कि उसकी चौखट का पता पुलिस टीम के हाथों में थमा दिया.

फर्जी दस्‍तावेज बना प्रॉपर्टी को बैंक में रख दिया गिरवी
चलिए आपको इस मामले के बारे में आपको थोड़ा डिटेल में बताते हैं. बेंगलुरु में रहने वाली हरमिंदर कौर ने 2011 में दिल्‍ली के राणा प्रताप बाग में 22 लाख रुपए में एक प्रॉपर्टी खरीदी थी. इस खरीद फरोख्‍त के बाद हरमिंदर कौर को दिल्‍ली आने का मौका नहीं मिला और यह प्रॉपर्टी यूं ही खाली पड़ी रही. वहीं, 2018 में जब वह इस प्रॉपर्टी को देखने के लिए दिल्‍ली आईं तो उन्‍हें पता चला कि इस प्रॉपर्टी के फर्जी दस्‍तावेजों बनाकर किसी शख्‍स ने बैंक से 75 लाख रुपए का कर्ज ले लिया है और इस प्रॉपर्टी को गिरवी रख दिया है.

फर्जी नाम-पते पर लिया था 75 लाख का लोन, और फिर…
तफ्तीश के दौरान, पुलिस टीम को पता चला कि आरोपी ने फर्जी नाम और पते पर यह लोन हासिल किया था. बैंक से लोन मिलने के बाद उसने यह रकम महावीर ट्रेडिंग कंपनी के एकाउंट में ट्रांसफर कर दी थी. बैंक से मिले पते पर जब पुलिस पहुंची तो पता चला यह नाम और पता भी फर्जी है. इसी बीच, पुलिस को फेसिअल रिकग्निशन सिस्टम से लैस कर दिया गया. पुलिस ने बैंक से आरोपी की फोटो हासिल की और उसे इस सिस्‍टम में डाल दिया. चंद सेकेंड में एक नाम और पता पुलिस की टीम के सामने था.

पल भर में खत्‍म हुई सालों पुरानी पुलिस की कवायद
फेसिअल रिकग्निशन सिस्टम ने पुलिस टीम को बता दिया आरोपी का असली नाम पंकज सचदेवा है और वह टैगोर गार्डन इलाके में रहता है. पुलिस टीम बिना समय गंवाए टैगोर गार्डन पहुंच गई और सालों से फरार आरोपी को बेहद आसानी से गिरफ्तार कर लिया गया. इतना ही नहीं, पंकज सचदेवा की गिरफ्तारी के साथ पुलिस ने इसी मामले में मेरठ (उत्‍तर प्रदेश) के सुहैल चौहान और फरीदाबाद के नितिन वर्मा को भी गिरफ्तार कर लिया. फेसिअल रिकग्निशन सिस्टम से पुलिस को यह भी पता चला है कि आरोपी ऐसे ही तीन अन्‍य मामलों में भी वांछित है.

FIRST PUBLISHED : December 11, 2024, 19:27 IST



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