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Holi 2025: तिथि की बजाए दिन के अनुसार मनाते हैं होली
इस गांव के लोग होली के बाद आने वाले पहले मंगलवार या शनिवार को होली खेलते हैं। इसलिए ही यह कहा जाता है कि इस गांव में होली तिथि के अनुसार नहीं बल्कि दिन के अनुसार होली मनाया जाता है। यह परंपरा करीब 100 साल पहले से चली आ रही है। यहां के गौटिया परिवार से ताल्लुक रखने वाले करूण सागर पटेल कहते हैं कि यह परंपरा कब से हुई यह सटिक जानकारी नहीं है, लेकिन यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है इसका अनुशरण गांव के सभी छोटे-बड़े करते हैं।
रात को होलिका दहन सुबह पूजा
साल्हेओना के रामकुमार पटेल बताते हैं कि जिस दिन गांव में होली का पर्व मनाया जाना होता है उस दिन की पहली रात को विधि विधान से होलिका दहन की जाती है। इसके बाद दूसरे दिन सुबह करीब 10 बजे से गांव में पूजा होती है। करीब दो घंटे तक पूजा व हवन पूर्णाहुति होती है। इस बीच गांव के लोग एक दूसरे को रंग लगाना शुरू कर देते हैं, जो दोपहर शाम तक चलती है।
15 साल पहले भी हुई थी आगजनी
गांव के गजानंद बताते हैं कि करीब 15 साल पहले होलिका दहन के स्थान को बदला गया था। इस बीच गांव में फिर से होली वाले दिन आगजनी की घटना हुई थी। इसके बाद गांव के लोग उसी स्थान पर होलिका दहन करने का निर्णय लिया जहां पहले होलिका दहन किया जाता था।
साल्हेओना ऐसा गांव हैं जहां होली तिथि के अनुसार नहीं मनाते हुए दिन के अनुसार मनाया जाता है। इस गांव में करीब 100 साल पहले से शनिवार और मंगलवार को ही होली का रंग चढ़ाया जाता है। यदि होली खेलने का दिन (धुडे़ली) शनिवार या मंगलवार होता है तो उस दिन खेली खेली जाती है।