राजकीय संस्कृत प्रवेशिका सेकंडरी स्कूल के प्रधानाध्यापक महेश कर्णावत ने बताया सेकंडरी कक्षा के परीक्षार्थियों का परीक्षा केंद्र मालाखेड़ा बनाया गया है। जहां 13 से 15 किलोमीटर दूर परीक्षार्थियों को परीक्षा के लिए जाना पड़ रहा हैं, जबकि उनके विद्यालय के समीप ही सरकारी स्कूल बिलंदी तथा केरवावाल बोर्ड परीक्षा केंद्र हैं। जहां इन बच्चों को यह सेंटर नहीं दिया।
बच्चों पर दोहरी मार बच्चों के अभिभावकों ने इस पर आक्रोष जताते हुए कहा कि एक तो स्कूल में शिक्षकों की कमी है, दूसरी ओर परीक्षा केंद्र भी 15 किलोमीटर दूर बनाया गया है। ऐसे में इस विद्यालय के बच्चों पर दोहरी मार पड़ रही है। इस स्कूल में बच्चों का दाखिला करवाना उनके जीवन के साथ खिलवाड़ करना सा लग रहा है। उन्होंने चेताया कि आगामी शैक्षणिक क्षेत्र में सभी बच्चों को इस विद्यालय से हटा लिया जाएगा।
………….. विद्यालय की सूची जा चुकी थी उनके नियुक्ति से पहले ही माध्यमिक शिक्षा बोर्ड व जिला मुख्यालय को विद्यालय की सूची जा चुकी थी। उन्हें इस बारे में पता नहीं है।
भगवान सहाय शर्मा, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी। ……………. आगामी शैक्षणिक सत्र में इसका ध्यान रखा जाएगा स्कूल के नजदीक वाले बोर्ड परीक्षा केंद्र की सूचना ब्लॉक शिक्षा कार्यालय से जिला मुख्यालय पर आती है। जिसे बोर्ड कार्यालय को भिजवाया जाता है। इसमें ब्लॉक शिक्षा कार्यालय में तैनात कर्मचारियों की उदासीनता है। आगामी शैक्षणिक सत्र में इसका ध्यान रखा जाएगा।
मनोज कुमार शर्मा, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक व जिला शिक्षा अधिकारी।