चीन से कारोबार समेटने की तैयारी में हैं ताइवानी कंपनियां, भारत बनेगा उत्पादन केंद्र

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चीन के साथ ताइवान के बढ़ते तनाव के बीच, इस स्वशासित द्वीप के शीर्ष नीति निर्माताओं का कहना है कि प्रमुख ताइवानी प्रौद्योगिकी कंपनियां अपने जोखिम को कम करने के लिए अपने मैन्युफैक्चरिंग अड्डों को भारत में स्थानांतरित करना चाह रही हैं। 

बता दें कि स्वायत्तता के मुद्दे को लेकर ताइवान और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। वहीं पिछले कुछ वर्षों से भारत और चीन के बीच सीमा विवाद भी गहराता गया है। यदि ताइवानी प्रौद्यागिक कंपनियों ने अपना रूख भारत की ओर किया तो चीन को आर्थिक और कूटनीतिक मोर्चे पर बहुत ही तगड़ा झटका लगेगा।

ताइवान के राष्ट्रीय विकास उप मंत्री काओ सीन.किउ ने कहा कि सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण विनिर्माण सहित उभरती और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में नई दिल्ली और ताइपे के बीच सहयोग की काफी संभावनाएं हैं।

अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों के एक समूह के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि ताइवान की प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियां अपनी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए भारत को एक प्रमुख गंतव्य के रूप में देख रही हैं।

साल 2006 में भारत और ताइवान के बीच होने वाला व्यापार 2 बिलियन डॉलर था, जो साल 2021 तक बढ़कर 8.9 बिलियन डॉलर हो गया। चुंग.हुआ इंस्टीट्यूशन ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च में सेंटर फॉर ताइवान आसियान स्टडीज के निदेशक क्रिस्टी त्सुन.त्ज़ु सू ने भारत को ताइवान के लिए एक महत्वपूर्ण देश बताया। उन्होंने कहा कि चीन में काम करने वाली ताइवानी कंपनियां अपनी घरेलू जरूरतों के लिए आपूर्ति बनाए रखते हुए अपनी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को बीजिंग से भारत में स्थानांतरित कर रही हैं।

ताइवानी कंपनियां अपने उत्पादन केन्द्रों को चीन से अमेरिका, भारत सहित यूरोप में स्थानांतरित करने के बारे में सोच रही हैं। चूंकि भारत एक बड़ी अर्थव्यवस्था है, ऐसे में ताइवान को चीन के साथ हुए व्यापारिक संबंधों में बदलाव करने का मौका मिल सकता है। 

दुनिया के सबसे बड़े चिप निर्माता ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन सहित प्रमुख ताइवानी चिप निर्माताओं को भारत अपने घर लाने को इच्छुक है। ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन ग्राहकों में आईफोन निर्माता एप्पल भी शामिल है। शिएन-किउ ने कहा-मुझे यकीन है कि सेमीकंडक्टर और सूचना एवं संचार उद्योग के क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच सहयोग तेजी से बढ़ेगा।

जानकारी के मुताबिक, बड़ी संख्या में ताइवानी कंपनियां भारत के दो औद्योगिक पार्कों में उत्पादन केंद्र स्थापित करने जा रही हैं। ये पार्क विशेष रूप से ताइवानी कंपनियों के लिए बनाए जा रहे हैं। ताइवान का कहना है कि हमारी कंपनियां अमेरिका-चीन ट्रेड वार शुरू होने से पहले ही भारत आने पर विचार कर रही थीं क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था इतनी बड़ी है कि इससे ताइवान को बदलाव की कुछ गुंजाइश मिल सकती है। ताइवान सरकार भारत के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत करने की कोशिश कर रही है।

गौरतलब है कि ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन ने तमिलनाडु में एक आईफोन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित किया है और कंपनी अब कर्नाटक में एक और आईफोन उत्पादन संयंत्र स्थापित कर रही है। भारत और ताइवान के बीच द्विपक्षीय व्यापार तेजी से बढ़ रहा है।

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