चीन की सेना असली युद्ध के लिए तैयार रहे…राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भरी हुंकार

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दुनिया को पता है की चीन अपनी चालबाज हरकतों से बाज नहीं आता…आसमान से समंदर तक किसी को परेशान करने में पीछे नहीं रहता चाहे उसका खुद का ही कितना बड़ा नुकसान क्यों ना हो…कोरोना काल में हम सबने देखा…एक बार फिर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने सेना को युद्द के लिए तैयार रहने को कहा है…जिसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि निशाने पर कौन है?

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने देश के सशस्त्र बलों को अपनी ट्रेनिंग एक असली युद्ध के लिहाज से करने को कहा है…जिनपिंग की ओर से यह आदेश ऐसे समय में आया है जब हाल ही में चीन की सेना ने ताइवान के करीब डराने वाला युद्धाभ्यास किया…चीन ने हाल ही में ताइवान के करीब युद्धाभ्यास करके क्षेत्र में तनाव को बढ़ाया है…चीन हमेशा ताइवान पर अपना दावा करता रहा है…

आपको बता दें कि चीन और ताइवान एक गृहयुद्ध के बाद 1949 में अलग हो गए थे…तब से ही चीन ताइवान को अपना कहता है और दावा करता है कि वह उसे वापस अपने साथ मिला लेगा…इसके लिए चाहे कुछ भी करना पड़े…लेकिन अमेरिका ऐसा होने नहीं दे रहा है…वो लगातार ताइवान की मदद में खड़ा है…एक डील के तहत अमेरिका ताइवान को हथियारों की बड़ी खेप दे रहा है…इन सबके बावजूद पिछले कुछ वर्षों में ताइवान के करीब चीन बेहद एक्टिव हो गया है…जिससे इलाके में तनाव बरकरार है…

और अब चीन नई राह पर है…शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के दक्षिणी थिएटर कमांड से कहा कि चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता और समुद्री हितों की दृढ़ता से रक्षा करनी चाहिपूरी ए और समग्र स्थिरता की रक्षा करने का प्रयास करना चाहिए…चीन ने फिलीपींस में बढ़ते हुए सैन्य बेस को लेकर अमेरिका की अलोचना भी की…उसी अमेरिका की जिसके विदेश मंत्री अभी कुछ दिन पहले ही चीन के दौरे पर थे…

चीन का जियांग्सू प्रांत पूर्वी थिएटर कमांड के मुख्यालय के रूप में काम करता है जो ताइवान जलडमरूमध्य और पूर्वी चीन सागर समेत पूरे पूर्वी चीन में सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है…तीसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद शी जिनपिंग ने अपनी सेना को लोहे की दीवार में बदलने और देश की सुरक्षा का आग्रह किया था…उन्होंने इस दौरान इस बात पर जोर दिया था कि चीन को अलगाववादी और ताइवान पर बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करना चाहिए…

चीन लगातार ताइवान पर अपना दावा करता रहता है….चीन ने अमेरिकी राजनयिकों से विशेष तौर पर ताइवान के नेताओं से बात न करने को कहा था…ऐसा इसलिए क्योंकि चीन किसी भी बातचीत को ताइवान की स्वतंत्रता के समर्थन से जोड़ता है…पिछले साल अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद से चीन ने ताइवान के करीब युद्धाभ्यास किए थे…इस दौरान उसने लाइव फायरिंग और रॉकेट भी दागे थे…चीन हमेशा कहता रहा है कि अगर उसे जरूरत पड़ी तो वह ताइवान के खिलाफ बल प्रयोग करने को भी तैयार है…

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