गेम चेंज़र साबित हुई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, जानिए PMMY से कैसे उठाएं फायदा
केंद्र की मोदी सरकार गरीबों के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं…इसी कड़ी में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना यानि PMMY गरीबों के उत्थान के लिए एक मजबूत कड़ी साबित हुई है…इस योजना के शुरू हुए 8 साल से ज्यादा हो गए…जिसके तहत अब तक 23.2 लाख करोड़ रुपये के 40.82 करोड़ से ज्यादा लोन जारी किए जा चुके हैं…केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 8 अप्रैल, 2015 को योजना की शुरुआत के बाद से 24 मार्च, 2023 तक, 40.82 करोड़ लोन खातों में लगभग 23.2 लाख करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं…जो अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है…इस वीडियो में आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह से केंद्र सरकार की ये योजना काम करती है और आप इसका कैसे फायदा ले सकते हैं।
मुद्रा योजना के तहत लगभग 68 फीसदी खाते महिला उद्यमियों के लिए और 51 फीसदी खाते एससी, एसटी और ओबीसी कैटेगरी के उद्यमियों के हैं…इससे ये साबित होता है कि सरकार की इस योजना से हर तबके को आसानी से लोन मिल जाता है जिससे वो अपना व्य्वसाय आसानी से शुरु कर सकते हैं…यहां पर ये जानना बहुत ज़रूरी है कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से जमीनी स्तर पर बड़ी संख्या में रोजगार अवसर पैदा करने में मदद मिली है और यह भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ गेम चेंजर भी साबित हुई है…
नॉन-कॉरपोरेट, नॉन-एग्री लघु और सूक्ष्म उद्यमियों को आय को बढ़ावा देने और उसे आसान बनाने के लिए 10 लाख रुपये तक के आसान कोलैटरल फ्री माइक्रो लोन की सुविधा के लिए सरकार द्वारा यह योजना शुरू की गई थी…‘मुद्रा’ को बढ़ावा देने की सरकारी नीति से लाखों MSME अब औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन गए हैं और इससे उन्हें अनाप-शनाप ब्याज दरों पर लोन देने वाले साहूकारों के चंगुल से बाहर निकलने में मदद मिली है…
फंड की आवश्यकता और संबंधित बिजनेस की मैच्योरिटी स्थिति के आधार पर प्रधानमंत्री मुद्रा लोन को तीन श्रेणियों में बांटा गया है…ये हैं ‘शिशु’ जिसमें 50 हज़ार रुपये तक के लोन इसके बाद ‘किशोर’जिसमें 50 हज़ार से लेकर 5 लाख तक का लोन और फिर ‘तरुण’ श्रेणी आती है जिसमें 5 लाख रुपये से अधिक और 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है…
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लोन कृषि से संबंधित गतिविधियों जैसे कि पोल्ट्री, डेयरी, मधुमक्खी पालन समेत मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेडिंग और सर्विस सेक्टर्स में आय जनरेट करने वाली गतिविधियों के लिए टर्म लोन और वर्किंग कैपिटल दोनों ही दिए जाते हैं…ब्याज दर RBI के दिशा-निर्देशों के अनुसार लेंडर्स संस्थानों की ओर से तय की जाती है…वर्किंग कैपिटल की सुविधा के मामले में ब्याज कर्जदार द्वारा केवल ओवरनाइट लिए गए पैसे पर ही लगाया जाता है…
कुछ ज़रूरी दस्तावेज और पासपोर्ट साइज़ फोटो के साथ विधिवत भरा हुआ एप्लीकेशन फॉर्म भरकर मुद्रा लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं…आवेदक और सह-आवेदकों को KYC करवाना होगा जिसके लिए पासपोर्ट, वोटर ID कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, यूटिलिटी बिल में से कुछ भी जमा कर सकते हैं…अगर आवेदक एससी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यक कैटेगरी से है तो इसका प्रमाण पत्र भी लगाना होगा। पिछले 6 महीने का बैंक स्टेटमेंटबिज़नेस किस जगह पर है, उसका पता और कितने साल से चल रहा है, इसका प्रमाण भी देना होगा…
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