<p style="text-align: justify;">अगर आप कंप्यूटर या लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं, तो एक बार नजर अपने कीबोर्ड पर डालिए. आपको शायद ‘F’ और ‘J’ बटन पर हल्की सी उभरी हुई छोटी लाइन या बम्प दिखाई दे. अब सोचिए, क्या आपने कभी गौर किया कि ये क्यों होते हैं?</p>
<p style="text-align: justify;">अक्सर लोग इन्हें बस कीबोर्ड की डिजाइन का हिस्सा मान लेते हैं, लेकिन हकीकत में इनका एक बहुत अहम मकसद होता है. ये छोटे-छोटे बम्प्स असल में एक टेक्नोलॉजी ट्रिक हैं, जो टाइपिंग को आसान और तेज बनाने में मदद करते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">असल में जब कोई टाइपिस्ट बिना कीबोर्ड को देखे टाइप करता है, तो उसे अपनी उंगलियों की सही जगह का अंदाजा सिर्फ स्पर्श से लगाना होता है. यही वजह है कि कीबोर्ड के ‘F’ और ‘J’ बटन पर ये खास मार्किंग दी जाती है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>काफी काम की है ये दो छोटी लाइनें</strong></p>
<p style="text-align: justify;">ये बम्प्स यूजर को बताते हैं कि उनकी इंडेक्स फिंगर्स (पहली उंगलियां) कहां रखनी हैं. एक बार ये उंगलियां अपनी जगह पर आ जाएं, तो बाकी उंगलियां खुद-ब-खुद सही पोजीशन पर सेट हो जाती हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">इसे ‘होम रो पोजीशन’ कहा जाता है, जहां से टाइपिंग शुरू होती है, बाएं हाथ के लिए A, S, D, F और दाएं हाथ के लिए J, K, L और ; (सेमि-कोलन).</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बार- बार नीचे देखने की नहीं पड़ती जरूरत</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इस फीचर का फायदा ये है कि टाइप करने वाले को बार-बार नीचे देखने की जरूरत नहीं पड़ती. इससे टाइपिंग की स्पीड भी बढ़ती है और गलतियों की संभावना भी कम हो जाती है.</p>
<p style="text-align: justify;">तो अगली बार जब आप कीबोर्ड इस्तेमाल करें, तो उन छोटी लाइनों को नजरअंदाज न करें. ये डिजाइन नहीं, बल्कि एक बहुत सोच-समझकर किया गया इनोवेशन है, जो हर बार आपको सही जगह टाइपिंग शुरू करने में मदद करता है. </p>
Source link