एक ऐसी मौत जिसमें इंसान मरने से पहले मुस्कुराने लगता है?

0
112

मौत के रहस्यों से आज भी दुनिया अनजान है। संसार के बड़े से बड़े वैज्ञानिक मौत से जुड़ी रहस्यों पर कुछ भी स्पष्ट नहीं कर पाए। मौत सार्वभौमिक सत्य है। जो भी प्राणी इस दुनिया में आया उसे एक दिन मौत मिलनी सुनिश्चित है। मौत भी कई प्रकार से होती है। कोई आकस्मिक मौत मरता है, किसी की दुर्घटना में मौत हो जाती है। तो कोई लंबी आयु जीने के बाद वृद्धावस्था में मरता है।

यह सभी जानते हैं कि हर कोई किसी न किसी वजह से मरता जरूर है। लेकिन एक ऐसी भी मौत होती है जिसमें मरने से पहले शख्स मुस्कुरा रहा होता है। ऐसी मौत को विज्ञान की भाषा में स्माइलिंग डेथ कहा गया है। इस प्रकार की मौत में दर्द से कराहता हुआ व्यक्ति भी हंसते हुए मरता है। इसे क्रश सिंड्रोम भी कहा जाता है। इस स्टोरी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि दर्द से पीड़ित इंसान भी मरते वक्त अनायास मुस्कुराने क्यों लगता है?

स्माइलिंग डेथ की वजह

प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप के दौरान मलबे में दबने से या फिर भयंकर एक्सीडेन्ट के दौरान पीड़ित व्यक्ति के खून में पोटैशियम ज्यादा मात्रा में बहने लगता है, जिससे दिल की धड़कन असंतुलित हो जाती है और व्यक्ति को शॉक लगता है जिससे उसकी मौत हो जाती है। इस तरह की मौत से पहले इंसान अनायास ही हंसने लगता है। दर्द से पीड़ित होने के बावजूद भी वह हंस रहा होता है, इसी कारण से इसे स्माइलिंग डेथ कहते हैं।

शरीर में खून का बहाव (Blood flow) कैसे रूक जाता है?

प्राकृतिक आपदा के दौरान बड़ी-बड़ी इमारते गिर जाती हैं, जिससे एक साथ कई लोगों की मौत हो जाती है। कुछ लोग मलबे में घायल अवस्था में दबे रहते हैं, इन्हें मलबे से निकालने के दौरान किसी एक्सपर्ट को बुलाना चाहिए, खुद से मलबे से निकालने का प्रयास नहीं करना चाहिए, ऐसा करने पर घायल व्यक्ति की जान भी जा सकती है। 

यदि किसी घायल व्यक्ति के शरीर से मलबा हटाया जाता है तो उसके शरीर में क्रसिंग प्रेशर रिलीज होता है और उसकी मौत हो जाती है। मतलब साफ है कि यदि किसी पीड़ित व्यक्ति का हाथ, पैर या शरीर का कोई भी अंग मलबे के भार से दबा है तो उसे तुरंत नहीं हटाना चाहिए। क्योंकि मलबे से दबे होने के चलते उसके शरीर में दबाव का स्तर इतना ज्यादा होता है कि शरीर का Blood flow ही रूक जाता है। 

क्रश सिन्ड्रोम की स्थिति कब बनती है?

जब किसी के शरीर में रक्त संचार रूक जाता है तब उसके शरीर से स्वतः म्योग्लोबिन नाम का प्रोटीन रिलीज होने लगता है। इस प्रोटीन का मुख्य काम मसल्स के सेल्स में ऑक्सीजन को जमा करना होता है ताकि जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन का उपयोग किया जा सके। कई बार म्योग्लोबिन नाम का प्रोटीन के रिलीज से इंसान की किडनी फेल कर जाती है। 

बता दें कि जब किसी व्यक्ति शरीर से अचानक भार हटा लिया जता है तो क्रश सिंड्रोम की वजह से ऊतकों में ऑक्सीजन अचानक से बढ़ने लगता है  और व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।

मौत से पहले इंसान के दिमाग में क्या चलता है?

जब कोई भी व्यक्ति मौत से जंग लड़ रहा होता है तब वह कुछ भी बोल पाने अथवा अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में असमर्थ होता है। हाल में ही एक रिसर्च से पता चला है कि मौत के मुंह में जाने वाला व्यक्ति अंतिम वक्त में दिमाग कुछ सोच रहा होता है। 

जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में पब्लिश आर्टिकल के मुताबिक मरते वक्त इंसान अपने मरे हुए रिश्तेदारों को देखने लगता है। वैज्ञानिकों ने दावा किया कि मरने से ठीक पहले व्यक्ति को सफेद रोशनी, मरे हुए रिश्तेदार और कुछ अलग तरह की आवाज सुनाई देती हैं।

#death  #smiling  #smilingdeath  #crushsyndrome  #scientist

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER.

Never miss out on the latest news.

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

RATE NOW

LEAVE A REPLY

We cannot recognize your api key. Please make sure to specify it in your website's header.

    null
     
    Please enter your comment!
    Please enter your name here