उम्मीदवारी दर्ज कराते ही जीत गए भाजपा के तीनों उम्मीदवार! भाजपा ने ओबीसी, क्षत्रिय चहेरे को राज्यसभा में भेजा कौन हैं जयशंकर के अलावा भाजपा के दो राज्यसभा उम्मीदवार? बीजेपी ने आखिरकार राज्यसभा के लिए अपने दो उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. जैसा कि चर्चा थी, बीजेपी ने दोनों नामों की घोषणा कर एक बार फिर लोगों को चौंका दिया है. दो ऐसे चेहरे चुने गए हैं जिनकी दूर-दूर तक चर्चा नहीं थी, इन दो नामों से बीजेपी ने कुछ समीकरण भी साध लिए हैं. गौरतलब है कि फॉर्म भरते ही ये उम्मीदवार निर्विरोध विजेता बन गए हैं. क्योंकि पर्याप्त संख्याबल न होने के कारण कांग्रेस ने उनके खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बाद बीजेपी ने बाबू देसाई और केसरीसिंह झाला के नाम पर मुहर लगाई. बीजेपी ने इन दोनों नामों का ऐलान कर अपने तरीके से लोगों को चौंका दिया है. क्योंकि संभवित नामों में कहीं भी बाबू देसाई और केसरीसिंह झाला का नाम सामने नहीं आया. बीजेपी ने नामांकन के आखिरी दिन से एक दिन पहले नाम जारी कर दोनों उम्मीदवारों के नाम को अंत तक गुप्त रखा. बाबू देसाई ओबीसी समुदाय से हैं, जबकि केसरीदेव सिंह झाला क्षत्रिय समुदाय से हैं। बाबू देसाई रबारी समाज में एक बड़ा नाम हैं, उन्हें रबारी समाज के भामाशा के रूप में जाना जाता है। वह 2007 से 2012 तक बनासकांठा की कांकेरेज सीट से विधायक रहे। वर्तमान में, वह राज्य भाजपा के गौ संवर्धन सेल के संयोजक हैं। वे कृषि-पशुपालन और निर्माण क्षेत्र से जुड़े हैं। समाज की बेटियों की शिक्षा एवं प्रशिक्षण के लिए कार्य करते हैं। बेटियों के लिए समूह शादी कार्यक्रमों को प्रायोजित करते है। वह कई धार्मिक-सामाजिक संगठनों में ट्रस्टी के रूप में कार्यरत हैं। उन्हें सामाजिक स्तर पर भी कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं। केसरीदेव सिंह झाला, जिन्हें भाजपा ने अपना क्षत्रिय चेहरा चुना है, राजघराने से आते हैं। 40 वर्षीय केसरीदेव सिंह मोरबी वांकानेर के शाही परिवार के 16वें गादीपति हैं। यूके से स्नातक की डिग्री प्राप्त करनेवाले केसरीसिंह के पिता दिग्विजय सिंह भारत के पहले पर्यावरण मंत्री थे। वे राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक क्षेत्रों में सक्रिय रहते हैं। वह 2011 में बीजेपी में शामिल हुए थे. राजनीति के अलावा वह सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में भी कई गतिविधियों और संगठनों से जुड़े हुए हैं। वह अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की युवा शाखा के अध्यक्ष हैं। पिता दिग्विजय सिंह की मृत्यु के बाद मार्च 2022 में केसरीदेव सिंह का राज्याभिषेक हुआ। राज्यसभा की एकतरफा लड़ाई बाबू देसाई, केसरीसिंह झाला बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार दोनों उम्मीदवारों ने उम्मीदवारी दर्ज कराते ही जीत हासिल कर ली! भाजपाने ओबीसी,क्षत्रिय उम्मीदवार को मैदान में उतारा वांकानेर के शाही परिवार के वारिस हैं केसरीदेवसिंह झाला बाबू देसाई को रबारी समाज का भामाशा कहा जाता है 24 जुलाई को होने वाले राज्यसभा चुनाव अब औपचारिकता के लिए भी नहीं होंगे. गुजरात में राज्यसभा चुनाव 2027 तक यही स्थिति देखने को मिलेगी. कांग्रेस के पास वर्तमान में राज्यसभा में 3 सीटें हैं, हालांकि विधानसभा में उसकी संख्यात्मक ताकत को देखते हुए, 2027 के चुनाव तक राज्यसभा की सभी सीटें भाजपा को ही मिलेंगी।
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