टोयोटा ने बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं के हिस्से के रूप में पूरी तरह से सोलिड एस्टेट बैटरी बनाने की योजना बनाई है। कंपनी का कहना है कि टोयटा को जलवायु परिवर्तन से मिलने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए कुछ विशेष करने की जरूरत है।
टोयोटा मोटर कॉरपोरेशन का लक्ष्य साल 2027 तक कमर्शियल सॉलिड-स्टेट बैटरी की शुरूआत करना है। टोयटा कंपनी ने अपने एक बयान में कहा है कि सोलिड एस्टेट बैटरी के जरिए चार्जिंग समय 10 मिनट या उससे कम हो जाएगा जोकि इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की मुख्य कमियों में से एक है।
कंपनी का कहना है कि सोलिड एस्टेट बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन के ऑपरेटिंग सिस्टम के विकास के साथ ही ‘ड्राइविंग फील’ बेहतर करने में सक्षम साबित होगी। बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों के घरों में आमतौर पर चार्जिंग स्टेशन होते हैं और वे रिचार्ज करने के लिए अपनी कारों को रात भर प्लग में रखते हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए टोयोटा ने जोर देकर सोलिड एस्टेट बैटरी बनाने का निर्णय लिया है।
टोयोटा के प्रेसिडेंट कोजी सातो का कहना है कि ईवी सेक्टर में पिछड़ने के बाद कंपनी ने सोलिड एस्टेट बैटरी सेंगमेंट में आगे बढ़ने का निर्णय लिया है। अपनी नवीनतम घोषणा में, टोयोटा ने कहा कि वह लिथियम-आयन बैटरियों का नवाचार करने पर भी काम कर रही थी, जो अब अधिकांश इलेक्ट्रिक वाहनों में मौजूद है। फिलहाल लिथियम-आयन बैटरी किफायती विकल्प साबित हो रही है।
टोयोटा का कहना है कि वह “हाइड्रोजन सोसाइटी” के लिए प्रतिबद्ध है और ईंधन सेल वाहनों सहित हाइड्रोजन द्वारा संचालित मॉडलों पर काम करना जारी रखे हुए है। हाइड्रोजन अभी भी महंगा है और आमतौर पर जीवाश्म ईंधन का उपयोग करके बनाया जाता है। टोयोटा ने कहा कि कंपनी अपने विभिन्न पार्टनर्स के साथ मिलकर स्वच्छ और सस्ता हाइड्रोजन बनाने के लिए काम कर रही है।
गौरतलब है कि प्रियस हाइब्रिड, कैमरी सेडान और लेक्सस लक्ज़री मॉडल बनाने वाली टोयोटा अभी दूसरी पीढ़ी के जैव ईंधन पर भी काम कर रही है। इथेनॉल जैसे जैव ईंधन को जीवाश्म ईंधन की तुलना में अधिक नवीकरणीय (renewable) माना जाता है, हालांकि उनमें अन्य कमियां भी हैं।
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