अभिषेक मनु सिंघवी ने पूर्व PM मनमोहन सिंह को किया याद, ‘हमेशा व्यक्तिगत रूप से मुझे फोन करके…’

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Manmohan Singh Death: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद देश में शोक की लहर है. सिंह के साथ काम करने वाले नेता अलग-अलग तरह से उन्हें याद कर रहे हैं. वरिष्ठ वकील और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने भी भावुक पोस्ट लिखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

उन्होंने एक्स पर लिखा, ”मनमोहन सिंह से ज्यादा सौम्य और महान सज्जन खोजना कठिन होगा. उन्होंने हमेशा मुझसे एक खेद व्यक्त किया, बार-बार, आत्मविश्वास के साथ, जिसे मैं साझा नहीं कर सकता. उन्होंने मेरी दो पुस्तकों के लिए प्रस्तावना लिखी.”

व्यक्तिगत रूप से मुझे फोन किया- सिंघवी

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ”व्यक्तिगत रूप से मुझसे अनुरोध किया और जोर देकर कहा कि मैं राज्यसभा में उनके पसंदीदा तीन न्यूक्लियर बिलों पर ट्रेजरी बेंच की ओर से दो बार बहस की शुरुआत करूं. एक सिटिंग प्रधानमंत्री के रूप में हमेशा व्यक्तिगत रूप से मुझे फोन करके मेरे भाषणों के लिए धन्यवाद दिया. राजनीति में उनके जैसे सज्जन अब बहुत कम बचे हैं.”  

सिंघवी ने कहा, ”मनमोहन सिंह ने हमें सिखाया कि सब्सटेंस का मूल्य फॉर्म से अधिक है; सादगी का महत्व दिखावे से अधिक है; ठोसता का महत्व ग्लैमर से अधिक है; राजनीति में अंतर्मुखिता के सफलता पाने की संभावना को बनावटी मेलजोल से अधिक महत्व दिया जा सकता है; सिद्धांतों का मूल्य अवसरवाद से अधिक है, यहां तक कि भारतीय राजनीति में भी; सटीकता और शुद्धता का महत्व भाषणबाजी और जुमलों से अधिक है; और शिष्टता का महत्व चतुराई से अधिक है.”  

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ”मुझे कई बार उनके लिए, विशेषकर कानूनी या विधिक विषयों और कुछ विदेश नीति के पहलुओं पर इनपुट्स लिखने का सौभाग्य मिला. उन्होंने हमेशा इसका आभार व्यक्त किया, हमेशा शिष्ट और विनम्र रहे, और मुझे यह कहकर प्रसन्न कर देते कि उन्होंने शायद ही कभी मेरे इनपुट्स में कोई बदलाव किया हो, लेकिन यह भी स्वीकार करते कि मुझे कम समय में कष्ट दिया. एक भारतीय राजनेता, विशेषकर एक प्रधानमंत्री में इतनी विनम्रता की कल्पना करना कठिन है. विनम्र श्रद्धांजलि!”

मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे. उन्होंने गुरुवार को 92 साल की आयु में अंतिम सांस ली.

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