जम्मू-कश्मीर में आतंकियों पर बड़ी कार्रवाई, श्रीनगर में 11 ठिकानों पर छापेमारी, 150 संदिग्धों पर निगरानी

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छापेमारी का विवरण

सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई खुफिया जानकारी के आधार पर की गई, जिसमें प्रतिबंधित आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) और उनके समर्थकों को निशाना बनाया गया। श्रीनगर के संवेदनशील इलाकों में सुबह तड़के शुरू हुए इस ऑपरेशन में कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, दस्तावेज और अन्य संदिग्ध सामग्री जब्त की गई। पुलिस ने बताया कि छापेमारी के दौरान कार्यकारी मजिस्ट्रेट और स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया।

150 संदिग्धों पर नजर

इस कार्रवाई के तहत लगभग 150 संदिग्धों को निगरानी में रखा गया है। इनमें से कई पर आतंकी गतिविधियों में सहायता, फंडिंग और प्रचार-प्रसार में शामिल होने का शक है। सुरक्षा एजेंसियां इन संदिग्धों के कॉल रिकॉर्ड, सोशल मीडिया गतिविधियों और वित्तीय लेनदेन की जांच कर रही हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “हमारा लक्ष्य आतंकी नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करना है। इस दिशा में लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।”

पहलगाम हमले के बाद बढ़ी सतर्कता

यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद तेज हुई सतर्कता का हिस्सा है, जिसमें 28 लोगों की जान गई थी। उस हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और अन्य एजेंसियां आतंकी संगठनों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए लगातार छापेमारी और जांच कर रही हैं। हाल के दिनों में श्रीनगर, अनंतनाग, शोपियां और कुलगाम जैसे क्षेत्रों में भी इसी तरह की कार्रवाइयां की गई हैं।

आतंक के खिलाफ कड़ा रुख

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की बात दोहराई है। उन्होंने कहा, “आतंकवाद को खत्म करने के लिए जनता का सहयोग जरूरी है। हमारी सरकार और सुरक्षा बल इस दिशा में पूरी ताकत से काम कर रहे हैं।” केंद्र सरकार ने भी इस कार्रवाई को समर्थन देते हुए कहा कि आतंकी गतिविधियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

नियंत्रण रेखा पर कड़ी निगरानी

सुरक्षा एजेंसियों ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में और ठिकानों पर छापेमारी हो सकती है। खुफिया जानकारी के आधार पर आतंकी संगठनों के फंडिंग नेटवर्क और हथियार सप्लाई चेन को निशाना बनाया जाएगा। साथ ही, सीमा पार से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए नियंत्रण रेखा (LoC) पर निगरानी और कड़ी कर दी गई है।

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