एफडी बनाम रियल एस्टेट में निवेश आज भी एक ऐसा रूचिपूर्ण विषय है जिसके बारे में लोग जानने को उत्सुक रहते हैं। आपको बता दें कि रियल एस्टेट हो या फिर एफडी इन दोनों सेंगमेंट में किया जाने वाला निवेश लंबी अवधि का है। इसलिए दोनों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं। एफडी में निवेश एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है लेकिन यदि आप भविष्य में एक ऐसी संपत्ति का मालिक बनना चाहते हैं जिसकी कीमत में समय के साथ बढ़ोतरी हो तो ऐसे लोगों के लिए रियल एस्टेट में निवेश करना फायदे का सौदा साबित होने वाला है।
आकर्षक रिटर्न
पहले एफडी को निवेश का अच्छा विकल्प माना जाता था परन्तु अब लोग एक निश्चित धनराशि नहीं बल्कि अधिक से अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं। ऐसे में रियल एस्टेट निवेश का एक बेहतरीन विकल्प बन चुका है। अब मिडिल क्लास लोग भी रियल एस्टेट में निवेश करने लगे हैं। विशेषरूप से आफिस, दुकान, मकान के अलावा दूसरी प्रापर्टीज में भी निवेश करने में रूचि दिखा रहे हैं क्योंकि इनसे रेकरिंग रेंटल इनकम के साथ अच्छा खासा रिटर्न भी मिलता है।
रियल एस्टेट में निवेश एक साथ देता है कई फायदे
एक तरफ जहां एफडी में निवेश से एकमुश्त गारंटीड रिटर्न मिलता है क्योंकि इसकी व्याज दर फिक्स रहती है और मार्केट के उतार-चढ़ाव का इस पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। एफडी के रूप में निवेश छोटी रकम से भी की जा सकती है। बतौर उदाहरण 15000 रूपए से सेविंग शुरू की जा सकती है। वहीं रियल एस्टेट में निवेश दीर्घ अवधि में एक साथ बड़ी पूंजी के रूप में लाभ कमाने का मौका देती है। बतौर उदाहरण रेजिडेन्शिय फ्लैट से हर साल मिलने वाले किराए में बढ़ोतरी तत्पश्चात प्रॉपर्टी की कीमत में भी जबरदस्त इजाफा।
अचल संपत्ति के बढ़ते खरीददार
कोरोना महामारी के कुछ साल डेवलपर्स के लिए अच्छे नहीं रहे लेकिन इसके बाद संपत्ति की कीमतों में उछाल देखा गया है। इसके विपरीत व्याज का स्तर काफी कम है। रियल एस्टेट कंपनियां अपने कस्टमर्स के लिए कई ऑफर लांच करती दिख रही हैं। जबकि एफडी निवेश को लेकर अभी तक कोई विशेष सुधार नजर नहीं आया है।
रीयल एस्टेट में निवेश के लिए ज्यादा पूंजी की दरकार
लोग संपत्ति खरीदने के लिए कभी-कभी अपनी सारी बचत का उपयोग करते हैं या ऋण भी लेते हैं। ऐसा करना समझ में आता है लेकिन उन्हे यह सुनिश्चित करना होगा कि आप संपत्त्ति लाभ के लिए अपनी प्रॉपर्टी बेच पाएंगे। इस बात की आपको जानकारी होनी चाहिए अचल संपत्ति की आसमान छूती कीमतों और क्रय शक्ति के बीच बहुत ज्यादा असंतुलन है।
बतौर उदाहरण भारत के एक शीर्ष शहर में एक फ्लैट की कीमत 2 करोड़ है। इस फ्लैट को खरीदनें में 20 साल की अवधि वाला कर्ज लेने की जरूरत पड़ेगी इसका तात्पर्य है कि आपको प्रतिमाह एक लाख से अधिक ईएमआई भरना होगा। जाहिर सी बात इसके लिए आपको प्रतिमाह 3 से 4 लाख रूपए कमाई करनी होगी। इसलिए जब रियल एस्टेट में निवेश करने की कोशिश कर रहे हों, तो खुद से पूछें कि क्या आप इसे वहन कर सकते हैं। लेकिन एफडी के मामले में आपको ये सवाल पूछने की जरूरत नहीं है। आप महज 20,000 रुपये से कम के साथ एक एफडी खाता खोल सकते हैं और उस पर एक निश्चित लाभ कमा सकते हैं।
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