इंडिया गठबंधन की हार BJP के हाथ

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बिहार की राजनीति के पुरोधा करे जाने वाले लालू यादव से किनारा करते हुए Nitish kumar ने NDA के साथ मिलकर सरकार क्या बनाई विरोधियों की जान हलक में आ गई…सबके मन में यही सवाल है कि नीतीश तो पलटूकुमार हैं ही BJP इसके लिए कैसे राजी हो गई…उसने कैसे नीतीश को हरी झंडी दे दी…इंडिया गठबंधन में PM पद के लिए नामित ना किए जाने से नीतीश नाराज थे, इंडिया गठबंधन से बाहर आना चाहते थे लेकिन इसके पीछे BJP का क्या सियासी गुणा-गणित है इसी पर आज हम विस्तार से बात करेंगे…

सियासत की जरा सी भी समझ रखने वालों को भी ये बात अच्छी तरह से पता है कि BJP की प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतना…श्रीराम लहर के बावजूद BJP समीकरण को पुख्ता तौर पर अपने पक्ष में करना चाहती है…जिसके लिए वो नए-नए सियासी दांव खेल रही है…कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का केंद्र सरकार का फैसला भी मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ…कर्पूरी ठाकुर ही नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के राजनीतिक गुरु रहे…यही वजह रही कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के फैसले की नीतीश कुमार ने जमकर तारीफ की थी…माना जा रहा है इसी से BJP और JDU के रिश्तों में जमी बर्फ पिघली…इसका राजनीतिक कारण ये भी है कि बिहार में JDU का वोटबैंक अति पिछड़ी जातियों को माना जाता है…कर्पूरी ठाकुर भी इसी वर्ग से आते हैं…ऐसे में नीतीश और BJP के साथ आने से बिहार की पिछड़ी और अति-पिछड़ी का वोटबैंक इन्हें मिल सकता है…

बीते दिनों बिहार में हुए एक सर्वे में खुलासा हुआ कि अगर नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन के साथ चुनाव लड़ते हैं तो उनके सांसदों की संख्या 16 से घटकर 7 रह सकती है…वहीं दूसरी ओर कहा जा रहा था कि श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद जो माहौल बना है उसमें JDU के कई सांसद BJP के साथ लोकसभा चुनाव लड़ने के पक्ष में थे…ये भी एक वजह मानी जा रही है कि नीतीश कुमार ने विपक्षी गठबंधन से नाता तोड़कर NDA में जाने का फैसला किया…

नीतीश कुमार की सियासी पलटी के बाद राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बड़ी भविष्यवाणी कर दी…उनहोने कहा कि JDU का BJP से गठबंधन लोकसभा चुनाव से आगे नहीं टिकेगा…प्रशांत किशोर ने कहा कि 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश एक और यू-टर्न लेंगे…अगर लोकसभा चुनाव के बाद वह फिर पलटी मारते हैं तो नीतीश कुमार की पार्टी 20 से ज्यादा सीटें नहीं जीत पाएगी…ये सच भी हो सकता है क्योंकि नीतीश ने जब-जब यू-टर्न लिया है तब-तब उनकी सीटें कम हुई हैं…

ऐसा नहीं है कि इंडिया गठबंधन में ये उथलपुथल अचानक हो रही है…पिछले साल हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के साथ ही इसकी तस्वीर दिखनी शुरू हो गई थी…नीतीश कुमार की पार्टी ने MP और छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस से कुछ सीटें मांगी थीं लेकिन कांग्रेस ने इससे इनकार कर दिया था…इसके बाद नीतीश ने MP में अकेले दम पर अपने उम्मीदवार उतारे…ये सब तब हुआ जब नीतीश कुमार के कंधों पर इंडिया गठबंधन की सफलता टिकी थी… नीतीश कुमार बेहद सधे अंदाज में विपक्ष को एकजुट कर रहे थे…BJP को तनाव दे रहे थे लेकिन अमित शाह ने अपनी सियासी चाल से ऐसा पासा फेंक दिया जिसके सामने इंडिया गठबंधन का पूरा आधार ही खिसक गया…

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