Way beyond the numbers: A scenario for multidimensional poverty indexing to 2023

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Way beyond the numbers: A scenario for multidimensional poverty indexing to 2023

संख्याओं के पार जाने का मार्ग: 2023 के बहुआयामी गरीबी सूचकरण का परिदृश्य

हाल ही में United Nations Development Programme (UNDP) और Oxford Poverty and Human Development Initiative (OPHI) द्वारा Global Multidimensional Poverty Index (MPI) 2023 जारी किया गया है।

§  यह “प्रत्यक्ष रूप से किसी व्यक्ति के जीवन और कल्याण को प्रभावित करने वाले स्वास्थ्य, शिक्षा एवं जीवन स्तर के परस्पर संबंधित अभावों को मापता है”।

Key Highlights of the Index

§  Global Outlook: 

o विश्व स्तर पर 110 देशों के 6.1 अरब लोगों में से 1.1 अरब लोग (कुल जनसंख्या का 18%) acutely multidimensionally poor हैं।

·         Sub-Saharan Africa में गरीबों की संख्या 534 मिलियन है और दक्षिण एशिया में यह संख्या 389 मिलियन है।

o इन दोनों क्षेत्रों में प्रत्येक छह लोगों में से लगभग पाँच लोग गरीब हैं।

·         MPI आधारित गरीब लोगों में से आधे यानी 566 Million 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं।

o बच्चों में गरीबी दर 27.7% है, जबकि adults में यह 13.4% है।

§  Outlook for India: 

o भारत में गरीबी: भारत में अभी भी 230 मिलियन से अधिक लोग गरीब हैं।

·         UNDP के अनुसार, “संवेदनशीलता” को उन लोगों के हिस्से के रूप में परिभाषित किया गया है जो गरीब नहीं हैं लेकिन सभी weighted indicators के 20 – 33.3% में वंचित हैं। उनकी भेद्यता हिस्सेदारी बहुत अधिक हो सकती है।

·         भारत की लगभग 18.7% आबादी इस श्रेणी में है।

o India’s Progress in Poverty Reduction: भारत Cambodia, China, Congo, Honduras, Indonesia, Morocco, Serbia, and Vietnam सहित 25 देशों में से एक है जिन्होंने 15 वर्षों के भीतर अपने वैश्विक MPI मूल्यों को सफलतापूर्वक आधा कर दिया है।

·         वर्ष 2005-06 और वर्ष 2019-21 के बीच लगभग 415 million भारतीय गरीबी से बच गए।

·         भारत में गरीबी की घटनाओं में उल्लेखनीय गिरावट आई है जो वर्ष 2005-2006 के 55.1% से घटकर वर्ष 2019-2021 में 16.4% हो गई है।

·         वर्ष 2005/2006 में भारत में लगभग 645 मिलियन लोगों ने multidimensional poverty का अनुभव किया, यह संख्या वर्ष 2015-2016 में घटकर लगभग 370 मिलियन और वर्ष 2019-2021 में 230 मिलियन हो गई।

o Improvement in Deprivation Indicators: भारत ने तीनों deprivation indicators: Health, Education, Standard of living में उल्लेखनीय प्रगति की है।

·         सभी क्षेत्रों और सामाजिक-आर्थिक समूहों में गरीबी में गिरावट समान रही है।

o सबसे गरीब राज्यों और समूहों, जिनमें बच्चे एवं वंचित जाति समूहों के लोग भी शामिल हैं, में सर्वाधिक तीव्रता से प्रगति हुई।

·         बहुआयामी रूप से गरीब और पोषण से वंचित लोगों का प्रतिशत वर्ष 2005-2006 के 44.3% से घटकर वर्ष 2019-2021 में 11.8% हो गया, साथ ही बाल मृत्यु दर 4.5% से घटकर 1.5% हो गई।

What are the Recommendations?

§  context-specific multidimensional poverty indices है जो गरीबी की राष्ट्रीय परिभाषाओं को दर्शाते हों।

§  जबकि वैश्विक MPI एक standardized methodology प्रदान करता है, राष्ट्रीय परिभाषाएँ प्रत्येक देश के लिये विशिष्ट गरीबी की व्यापक समझ प्रदान करती हैं।

§  गरीबी का प्रभावी रूप से आकलन तथा समाधान करने के लिये इन context-specific indices पर विचार करना महत्त्वपूर्ण होता है।

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