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राज्य कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के अनुसार यह अभियान न केवल किसानों को तकनीकी रूप से समृद्ध बना रहा है, बल्कि कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के नए आयाम भी स्थापित कर रहा है। अब तक 4,959 कार्यक्रम आयोजित हो चुके हैं, जिनमें 8,39,617 किसानों ने भागीदारी की है। 550 से अधिक वैज्ञानिकों ने इन कार्यक्रमों में भाग लेकर किसानों को तकनीकी जानकारी दी है।
केंद्रीय और राज्य मंत्री किसानों से सीधे ले रहे हैं फीडबैक

इस अभियान की खासियत यह है कि इसमें केवल विभागीय अधिकारी ही नहीं, बल्कि खुद केंद्रीय कृषि मंत्री और राज्य के मंत्रीगण भी सीधे किसानों से संवाद कर रहे हैं।
- 29 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में अभियान का उद्घाटन किया।
- 1 जून को मेरठ के ग्राम दबथुआ में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री और राज्य कृषि मंत्री ने किसानों से फीडबैक लिया और उनकी समस्याओं को समझा।
- 2 जून को हापुड़ के ग्राम पंचायत बनखण्डा में 500 से अधिक किसान पहुंचे। यहां भी अधिकारियों ने सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी किसानों को दी।
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कृषकों को दी जा रही उन्नत तकनीकों की जानकारी
राज्य के कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, कृषि विश्वविद्यालय और राज्य सरकार के विभिन्न विभाग इस अभियान के तहत किसानों को नई-नई कृषि पद्धतियों से परिचित करा रहे हैं।
- उन्नत बीजों का प्रयोग कैसे करें?
सूक्ष्म सिंचाई पद्धति कैसे अपनाएं?
जैविक खेती के क्या लाभ हैं?
जल संरक्षण के लिए किन उपायों को अपनाना चाहिए?
मिलेट्स (श्रीअन्न), दलहन, तिलहन और मूंगफली की नई किस्में क्या हैं? - इन सभी सवालों के उत्तर किसान प्रत्यक्ष रूप से वैज्ञानिकों से प्राप्त कर रहे हैं।
- मिनीकिट वितरण: किसानों को दी जा रही व्यावहारिक सहायता
- अभियान के तहत केवल प्रशिक्षण ही नहीं, बल्कि 4,58,000 मिनीकिट्स के वितरण की भी तैयारी की गई है।
इनमें दलहन, तिल, मूंगफली और मिलेट्स (श्रीअन्न) के मिनीकिट्स शामिल हैं।किसानों को ये मिनीकिट्स मुफ्त में दिए जा रहे हैं ताकि वे नई किस्मों की बुवाई कर सकें।इससे किसानों को लागत में बचत होगी और उत्पादकता बढ़ेगी।
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कृषि विकास के लिए मिला बजट समर्थन
- इस व्यापक अभियान के लिए 41,067.12 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी गई है।
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) : 16,290 लाख रुपये
- फूड एंड न्यूट्रिशन सिक्योरिटी मिशन : 10,276.92 लाख रुपये
- कृष्णोन्नति योजना : 14,500.20 लाख रुपये
इस निवेश के माध्यम से सरकार सुनिश्चित कर रही है कि प्रदेश में खरीफ फसलों की बुवाई समय से हो और किसानों को उपज का अच्छा लाभ मिले।
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‘एक देश, एक कृषि और एक टीम’ भावना से संचालित अभियान
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि “योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश के किसानों को विश्वस्तरीय तकनीकों से लैस करना है। ‘एक देश, एक कृषि और एक टीम’ की भावना के साथ हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई किसान तकनीकी जानकारी से वंचित न रहे।”
- अभियान में सभी कृषि योजनाओं को समावेशित किया गया है।
- जनप्रतिनिधियों को भी अर्धशासकीय पत्र भेजकर कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी के लिए आमंत्रित किया गया है।
- पंचायत स्तर तक किसानों को अभियान की जानकारी दी जा रही है।
- इसमें कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों के साथ-साथ न्याय पंचायत स्तर के अधिकारी भी भाग ले रहे हैं।
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किसानों में दिख रही है जबरदस्त उत्सुकता
प्रदेशभर में आयोजित कार्यक्रमों में किसानों का उत्साह देखते ही बनता है। बहराइच, देवरिया, मेरठ, हापुड़, लखनऊ, बरेली, गोरखपुर, अयोध्या, वाराणसी, झांसी जैसे जिलों में बड़ी संख्या में किसान कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं।
- अनेक किसानों ने बताया कि पहली बार इतनी गहराई से वैज्ञानिक जानकारी मिल रही है।
- मिनीकिट्स की मदद से नई किस्मों को आजमाने का मौका मिल रहा है।
- सरकार की योजनाओं के बारे में विस्तार से समझ मिल रही है।
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आगे के खास कार्यक्रम
- आगामी दिनों में शेष 5,166 स्थानों पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
- किसानों को खरीफ फसलों की बुवाई के पहले यह अभियान सुनिश्चित करेगा कि प्रदेश में रिकॉर्ड स्तर पर उन्नत किस्मों का उपयोग हो।
- सरकार का लक्ष्य है कि किसानों की उत्पादकता बढ़े, लागत घटे और आमदनी में वास्तविक सुधार हो।
- यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘2027 तक किसानों की आय दोगुनी करने’ के लक्ष्य को भी मजबूत करेगा।