
यह वृद्धि लगभग 180% से 200% के बीच है, जो छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए एक बड़ा आर्थिक बोझ साबित हो सकती है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह नई फीस संरचना तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है।
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प्रभाव और प्रतिक्रिया: इस फीस वृद्धि के निर्णय ने छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच चिंता और असंतोष पैदा किया है। कई अभिभावकों का कहना है कि यह वृद्धि उनके बजट पर भारी पड़ेगी, खासकर उन परिवारों के लिए जो पहले से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं।
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सरकारी पक्ष: सरकार का कहना है कि यह वृद्धि आवश्यक थी ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके और स्कूलों में बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकें। इसके अलावा, परीक्षा संचालन और मूल्यांकन की लागतों में वृद्धि को भी इस निर्णय का कारण बताया गया है।