इस बार बजट में किसको क्या मिलेगा? PM मोदी और वित्त मंत्री की बैठक के बाद फाइनल लिस्ट तैयार

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Union Budget 2024

मोदी सरकार 3.O का पहला पूर्ण बजट पेश होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं, जिसके लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं…प्रधानमंत्री PM नरेंद्र मोदी ने 11 जुलाई को देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक की, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी शामिल हुईं…अनुमान है कि आगामी बजट में मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए कुछ उपाय शामिल हो सकते हैं…-Union Budget 2024

सरकार आने वाले बजट में आर्थिक सुधारों में तेज़ी लाने और विकास को बढ़ावा देने तथा रोज़गार के अवसर पैदा करने के लिए निवेश बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है…सरकार का उद्देश्य निकट भविष्य में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ाना है, जिसके लिए देश के विभिन्न पहलुओं को आगे बढ़ाने के लिए वार्षिक बजट में रणनीतियों की रूपरेखा तैयार की जा रही है… -Union Budget 2024

बजट पेश करने से पहले इसी एक पूरी प्रक्रिया होती है जिसे पूरा करने में करीब 1 महीना लग जाता है…इसके लिए सबसे पहले वित्त मंत्रालय एक सर्कुलर जारी कर सभी मंत्रालयों, राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों, स्वायत्त संस्थाओं को नए साल के लिए एस्टिमेट बनाने के लिए कहता है…उन्हें नए साल के लिए अनुमान देने के अलावा पिछले साल के खर्च और आमदनी का ब्योरा भी देना होता है…एस्टिमेट मिलने के बाद केंद्र सरकार के आला अफसर उसकी पड़ताल करते हैं…इस पर संबंधित मंत्रालयों और व्यय विभाग के अधिकारियों की गहन चर्चा होती है…इसके बाद आंकड़ों को सिफारिशों के साथ वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाता है…

वित्त मंत्रालय सभी सिफारिशों पर गौर करने के बाद विभागों को उनके खर्च के लिए राजस्व का आवंटन करता है…राजस्व और आर्थिक मामलों का विभाग हालात को गहराई से समझने के लिए किसानों और छोटे कारोबारियों के प्रतिनिधियों और विदेशी संस्थागत निवेशकों से संपर्क करता है…

प्री बजट मीटिंग में वित्त मंत्री संबंधित पक्षों के प्रस्ताव और मांगों को जानने के लिए उनसे मिलते हैं…इनमें राज्यों के प्रतिनिधि, बैंकर, कृषि विज्ञानी, अर्थशास्त्री और कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधि शामिल होते हैं…प्री-बजट मीटिंग खत्म होने के बाद वित्त मंत्री सभी मांगों पर अंतिम फैसला लेते हैं…बजट को अंतिम रूप दिए जाने से पहले वित्त मंत्री प्रधानमंत्री से भी बात करते हैं…

बजट पेश होने से कुछ दिन पहले हलवा सेरेमनी होती है…एक बड़ी सी कढ़ाई में तैयार किया जाने वाला हलवा वित्त मंत्रालय के स्टाफ में बांटा जाता है…इसी के साथ बजट की छपाई प्रक्रिया शुरू होती है…प्रक्रिया में लगे अधिकारी और सपोर्ट स्टाफ बजट पेश होने तक मंत्रालय में ही रहते हैं…इस वित्त वर्ष के बजट की प्रिंटिंग नहीं हुई थी और संसद सदस्यों को उसकी सॉफ्ट कॉपी दी गई…

वित्त मंत्री आम बजट को लोकसभा में पेश करते हैं…2016 तक यह फरवरी के अंतिम दिन पेश होता था…2017 से यह हर साल 1 फरवरी को पेश होने लगा…वहीं भारत सरकार ने 21 सितंबर 2016 को आम बजट के साथ रेल बजट के विलय को मंजूरी दे दी थी जिसके चलते 1 फरवरी, 2017 को पहला संयुक्त बजट संसद में पेश किया गया…रेलवे के लिए अलग बजट की प्रथा 1924 में शुरू हुई थी…

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार सातवीं बार केंद्रीय बजट पेश करेंगी

क्या इस बार सरकार टैक्ट छूट में राहत दे सकती है?मोदी सरकार 3.O के इस बजट से लोगों को क्या बड़ी उम्मीद है?

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