निगम के वरिष्ठ अधिकार ने बताया कि हमारा लक्ष्य 2030 तक कुल खपत में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की हिस्सेदारी को 50% तक बढ़ाना है। साथ ही मौजूदा संयंत्रों के रखरखाव और उन्नयन के अलावा जल विद्युत उत्पादन क्षमता के विस्तार की भी योजना है।
पीक डिमांड नए स्तर पर
एक अनुमान के अनुसार चालू वर्ष के लिए राज्य की अनुमानित अधिकतम मांग 22,150 मेगावाट होगी, जो पिछले वर्ष की अधिकतम मांग से 6% अधिक है। तमिलनाडु वर्तमान में समग्र नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के लिए भारत में तीसरे स्थान पर है और पवन ऊर्जा में दूसरे स्थान पर है। ऊर्जा उत्पादन की बात करें तो 30 जुलाई 2024 को 5,899 मेगावाट का सर्वकालिक उच्चतम पवन ऊर्जा उत्पादन हुआ। इससे पहले का रेकॉर्ड 9 जुलाई 2022 को 120.25 एमयू का था। इसी तरह सोलन एनर्जी ने 16 फरवरी 2025 को 6,579 मेगावाट के साथ नया रेकॉर्ड बनाया। यह रेकॉर्ड पांच दिन पहले यानी 11 फरवरी को हुए अधिकतम उत्पादन 48.20 एमयू में हुआ सुधार था।
तमिलनाडु में कुल ऊर्जा की स्थिति
राज्य में परपरागत और नवकरणीय ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता 39,769.94 मेगावाट है, जिसमें ऊर्जा की खरीद और अन्य प्रारूप शामिल है। श्रेणी स्थापित क्षमता थर्मल 5120.00 मेगावाट
गैस 408.20 मेगावाट हाइड्रो 2,323.90 मेगावाट पवन 9,331.37 मेगावाट सोलर 10,009.61 मेगावाट
ऐसे हासिल होगा लक्ष्य
● बड़े पैमाने पर सौर और पवन ऊर्जा पहल को प्रोत्साहन दिया जाएगा ● छतों पर सौर ऊर्जा प्रणाली की स्थापना को बढ़ावा दिया जाएगा
