न्यूटन के सिर पर सेब गिरने की कहानी झूठी है, जानिए गुरुत्वाकर्षण खोज की कहानी का असली सच
तकरीबन दुनिया का हर पढ़ा लिखा आदमी इस कहानी को जानता है कि है सर आइज़क न्यूटन ने एक गिरते सेब से गुरूत्वाकर्षण का रहस्य खोज डाला था। लेकिन ठीक इसके विपरीत न्यूटन के समकालीन वैज्ञानिक विलियम स्ट्यूक्ली ने जब न्यूटन की जीवनी लिखी तो सेब वाले घटनाक्रम का भी वर्णन किया जिसे सबसे विश्वसनीय प्रमाण समझा जाता है।
महान वैज्ञानिक न्यूटन की जन्मतिथि 4 जनवरी 1643 है। हांलाकि न्यूटन के जन्म से पहले ही इनके पिता की मृत्यु हो चुकी थी। ऐसे में न्यूटन की मां चाहती थी कि वे खेतीबारी का काम करें। हांलाकि अपनी मां की मौत के बाद न्यूटन 6 साल के लिए बौद्धिक एकांतवास में चले गए थे, वह लोगों से सिर्फ लिखकर ही बातें करते थे। हांलाकि वह विज्ञान से कभी दूर नहीं रह पाए।
बता दें कि विज्ञान को न्यूटन ने कई नियम दिए जिनमें से एक गुरूत्वाकर्षण का सिद्धांत भी है। अब कहानी शुरू होती हैं आखिर न्यूटन के दिमाग में गुरूत्वाकर्षण को लेकर ख्याल कहां से आया। विलियम स्ट्यूक्ली ने न्यूटन की जीवनी में लिखते हैं कि उन दिनों न्यूटन केम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ते थे लेकिन प्लेग फैलने के कारण विश्वविद्यालय के बंद होने पर न्यूटन उत्तरी इंग्लैंड में अपने घर चले गए।
स्ट्यूक्ली ने बताया कि साल 1726 की बसंत में एक दिन जब वे एक सेब के पेड़ नीचे बैठे थे कुछ सोच रहे थे तभी एक सेब गिरा। न्यूटन ने सोचा कि ये सेब सीधा ही क्यों गिरा, अगल-बगल या ऊपर क्यों नहीं गिरा…इसका मतलब धरती में गुरूत्वाकर्षण है।
इस संबंध में रॉयल सोसायटी की लाइब्रेरी के प्रमुख कीथ मूर का कहना है कि सेब गिरने की कहानी शायद एक कहानी ही है, जिसे न्यूटन ने आम लोगों को समझाने के लिए बना लिया। मूर कहते हैं कि न्यूटन ने आम लोगों को बताने के लिए गुरूत्वाकर्षण क्या है, सेब का सहारा लिया। सेब को न्यूटन के सिर पर गिरने की कहानी तो और भी बाद में बनाई गई।
न्यूटन के तीन नियम प्रमुख हैं—
दसवीं कक्षा में प्रवेश करते ही स्टूडेन्टस को न्यूटन के तीनों नियम रट्टा मारकर याद करने ही पड़ते हैं। अगर देखा जाए तो न्यूटन के तीनों नियमों पर ही भौतिक विज्ञान टिका हुआ है।
न्यूटन का पहला नियम
एक स्थिर पिंड तब तक स्थिर रहेगा जब तक उस पर कोई बाहरी बल नहीं लगाया जाता। अर्थात अगर कोई चीज़ रुकी है तो रुकी रहेगी, चलती है तो चलती रहेगी, जब तक इस पर कोई बाहरी ताकत न लगाई जाए।
न्यूटन का दूसरा नियम
बल द्रव्यमान त्वरण के बराबर है, और गति में परिवर्तन (यानी, गति में परिवर्तन) लागू बल के समानुपाती होता है। बतौर उदाहरण अगर कोई भारी पत्थर किसी पर धीरे से मारेंगें या हल्का पत्थर किसी पर तेजी से मारेंगें, तो दोनों में उसका बराबर असर ही पड़ेगा।
न्यूटन का तीसरा नियम
प्रत्येक क्रिया के लिए समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है, इसे क्रिया का प्रतिक्रिया नियम भी कहते हैं। ये नियम कहता है कि जब भी कोई क्रिया होती है, तो उसके बराबर और/या उसकी उलटी प्रतिक्रिया होती है। इसका सिम्पल उदाहरण है आप किसी दीवार पर गेंद मारकर देख लें।
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