The taste of 5 paise Bhujia spread all over the world, number one brand even after controversies

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पूरी दुनिया में फैला 5 पैसे की Bhujia का स्वाद, विवादों के बाद भी नंबर वन ब्रांड

महाराजा डूंगर सिंह का नाम जुड़ते ही हल्दीराम की भुजिया तेजी से मार्केट में फैलने लगी…1937 में ‘डूंगर सेव’ नमकीन की कीमत 5 पैसा प्रति किलो थी…धीरे-धीरे हल्दीराम की भुजिया बीकानेर में पॉपुलर हो गई…काम बढ़ता चला गया…साल 1941 तक हल्दीराम की नमकीन का स्वाद बीकानेर के आसपास तक फैल चुका था…विशनजी अग्रवाल इसे पूरे देश में फैलाना चाहते थे…एक बार वो कोलकाता किसी शादी में शामिल हुए…अपने साथ वो Bhujia लेकर गए थे…उनकी Bhujia का स्वाद उनके रिश्तेदारों और दोस्तों को काफी पसंद आया…इसके बाद उन्होंने कोलकाता में दुकान खोलने का फैसला किया…हल्दीराम की एक ब्रांच कोलकाता में खुल गई…कोलकाता के बाद नागपुर और फिर दिल्ली तक हल्दीराम पहुंच गई…साल 1970 में नागपुर और साल 1982 में राजधानी दिल्ली में हल्दीराम के स्टोर खुले…खरीदारों की संख्या बढ़ी क्योंकि लोग इसे खूब पसंद कर रहे थे…

हम सब जानते हैं कि कारोबार और पैसा विवाद लेकर भी आता है…गंगा विशनजी अग्रवाल के परिवार में भी ऐसा हुआ…कारोबार के साथ-साथ विवाद भी बढ़ता रहा…हल्दीराम के बड़े बेटे सत्यनारायण ने पिता और भाई से अलग होकर कारोबार करने का फैसला किया…जिसके बाद से कारोबार में कई विवाद हुए…बेटे सत्यनारायण ने अलग होने के बाद हल्दीराम एंड संस नाम से अलग दुकान की शुरुआत की…जिसके बाद हल्दीराम के पोतों ने नागपुर में बिजनेस का दायरा बढ़ाया…नागपुर और साउथ में भी हल्दीराम का कारोबार फैलता गया…

ग्राहकों तक पहुंचने के लिए कंपनी ने अपने कारोबार को तीन हिस्सों में बांट दिया…लेकिन इस बंटवारे का मकसद साफ था…ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक आसानी से पहुंचना…दक्षिण और पूर्वी भारत के कारोबार को कोलकाता से हैंडल किया गया जिसका नाम ‘हल्दीराम भुजियावाला‘ रखा गया…पश्चिमी भारत के कारोबार का कंट्रोल नागपुर के ‘हल्दीराम फूड्स इंटरनेशनल’ से होता है और उत्तरी भारत के कारोबार का कंट्रोल दिल्ली के ‘हल्दीराम स्नैक्स एंड एथनिक फूड्स’ से होता है…कारोबार भले ही देश के अलग-अलग हिस्सों से हैंडल किया जाता हो लेकिन स्वाद वही है जिसके लोग दीवाने हैं…

हल्दीराम भले ही कारोबार के बंटवारे को लेकर विवाद में रहा हो…इसके बावजूद वो देश का नंबर वन स्नैक्स ब्रांड बना रहा…साल 2003 में हल्दीराम अमेरिका में अपने प्रोडक्ट्स का निर्यात शुरू कर दिया था…आज देश के साथ-साथ करीब 80 देशों में हल्दीराम के प्रोडक्ट्स का निर्यात किया जाता है…हालांकि अमेरिका में इसके प्रोडक्ट को लेकर विवाद भी हुआ…साल 2015 में कंपनी को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब अमेरिका ने हल्दीराम के निर्यात पर रोक लगा दी…कहा गया कि हल्दीराम अपने प्रोडक्ट्स में कीटनाशक का इस्तेमाल करता है…लेकिन बाद में अमेरिका ने रोक हटा ली…और अब हल्दीराम के प्रोडक्ट्स जैसे भुजिया, गुलाब जामुन, सोन पापड़ी अमेरिका में आसानी से मिलते हैं…इसके लिए हल्दीराम और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन के बीच साल 2019 में डील हुई…अब हल्दीराम के प्रोडक्ट्स को लोग अमेरिका में अमेजन पर आसानी से खरीद सकते हैं…हल्दीराम स्नैक्स का कहना है कि कंपनी अपनी मौजूदगी को पूरी दुनिया के ग्राहकों तक फैलाना चाहती है… जो भारतीय दुनिया में कहीं भी रहते हैं उन्हें हल्दीराम के प्रोडक्ट्स घर की याद दिलाएंगे…यहीं नहीं कंपनी अब राजमा-चावल और बिरियानी जैसे रेडी टु ईट उत्पादों को बाजार में उतार चुकी है…जिसकी टैग लाइन है घर का स्वाद

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