Like Pakistan, Bangladesh is also on the road to poverty, the government is unable to pay the electricity bill, 100 power plants of the country have been shut down.

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Pakistan की तरह Bangladesh भी कंगाली की राह पर, बिजली का बिल नहीं भर पा रही सरकार, देश के 100 Power plants हुए बंद

हाल ही हमने जो कुछ Pakistan में देखा वैसी ही तस्वीरें Bangladesh से आ रही हैं…अर्थव्यवस्था चरमरा रही है, जीवन जीने के लिए लोगों को पास बेसिक सुविधाएं खत्म हो रही हैं…कुछ साल पहले तक भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाला मुल्क था लेकिन आज वह आर्थिक संकट की चपेट में है…उसका हाल भी पाकिस्तान और श्रीलंका जैसा होता जा रहा है…हालत ये हो गई है कि सरकार के पास बिलों के भुगतान के पैसे नहीं है जिससे देश में बिजली संकट पैदा हो गया है…

Pakistan और श्रीलंका के बाद भारत का एक और पड़ोसी देश अब गंभीर आर्थिक संकट के चपेट में है…Bangladesh का बिजली और ऊर्जा कर्ज अब ढाई बिलियन डॉलर से ज्यादा हो गया है जिससे अब और ज्यादा पॉवर प्लांट्स के ठप होने और बिजली संकट के और अधिक गहराने का खतरा पैदा हो गया है…पिछले एक साल में बांग्लादेश लगातार अपने ऊर्जा और बिजली बिलों का भुगतान करने में फेल हो रहा है…बिजली उत्पादक और आपूर्तिकर्ता बांग्लादेश को लगातार उनके ऑपरेशन और सप्लाई बंद करने की चेतावनी दे रहे हैं जिससे वहां पर जबरदस्त बिजली का संकट पैदा हो गया है…इससे पहले हमने पाकिस्तान में देखा था कि किस तरह से बिजली संकट के बाद दुकानों को 8 बजे रात तक हर हाल में बंद करने का आदेश दिया गया था…

बांग्लादेश के पायरा पावर प्लांट का बंद होना इस बात का सबूत है कि सरकार बिजली और ऊर्जा के मोर्चे पर संकट का सामना कर रही है…संकट इस कदर गहरा हो गया है कि सरकार ना तो ऊर्जा खरीद सकती है और न ही बिजली संयंत्रों का भुगतान कर सकती है…बिजली संकट ने औद्योगिक गतिविधियों को लगभग ठप कर दिया है…लेकिन यहां समस्या ये है कि सरकार संकट की गंभीरता को भी नहीं समझ रही है इसीलिए ये संकट इतना गहरा हो गया है…ईंधन की कमी के चलते कुल 154 बिजली संयंत्रों में से करीब 100 बिजली संयंत्र ठप पड़े हैं…पावर ग्रिड कंपनी ऑफ बांग्लादेश की ओर से जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि सिर्फ 20 बिजली संयंत्र काम कर रहे हैं…यानी कुल उत्पादन का मात्र 19 फीसदी ही बिजली पैदा हो रही है…

Pakistan की तरह बांग्लादेश का भी विदेशी मुद्रा भंडार सिकुड़ता जा रहा है…इसी साल मार्च के अंत तक बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार 31.14 अरब डॉलर तक पहुंच गया था जो दिसंबर 2016 के बाद सबसे कम था…बचे हुए भंडार से बांग्लादेश सिर्फ पांच महीनों तक ही इंपोर्ट होने वाली चीजों का भुगतान कर सकता है…भंडार को बढ़ाने के लिए सरकार ने विदेशों में काम करने वाले बांग्लादेशियों से ज्यादा से ज्यादा पैसा देश में भेजने की अपील की थी…वो अपील भी काम नहीं आ रही है क्योंकि स्थिति बदतर हो चली है…हालांकि अभी भी बांग्लादेश पाकिस्तान से बेहतर स्थिति में है…पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में सिर्फ 4.19 अरब डॉलर ही बचे हैं यानि वो बांग्लादेश से भी ज्यादा गरीब हो चुका है… 

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