नींद की कमी हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। हाल ही में एक अध्ययन में यह सामने आया है कि पर्याप्त नींद न लेने के कारण कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। -Lacking of Sleeping Reason
नींद हमारे शरीर के लिए भोजन और जल के समान आवश्यक है। जब हम पर्याप्त नींद नहीं लेते, तो इसका प्रतिकूल प्रभाव हमारी स्वास्थ्य पर पड़ता है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन में यह स्पष्ट हुआ है कि नींद की कमी से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इन समस्याओं के बारे में जानकर आप चकित रह जाएंगे। आइए, जानते हैं कि नींद की कमी से किन-किन बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
हृदय रोग
नींद की कमी हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ा देती है। जब व्यक्ति पर्याप्त नींद नहीं लेता, तो उसके शरीर में रक्तचाप बढ़ जाता है, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। अनुसंधान से यह स्पष्ट हुआ है कि जो लोग नियमित रूप से कम सोते हैं, उनमें हृदय संबंधी समस्याओं की संभावना अधिक होती है। -Lacking of Sleeping Reason
मधुमेह (डायबिटीज)
नींद की कमी से शरीर में रक्त शर्करा का स्तर प्रभावित होता है। यह इंसुलिन के उत्पादन को प्रभावित करता है, जिससे डायबिटीज का जोखिम बढ़ जाता है। जिन व्यक्तियों की नींद 6 घंटे से कम होती है, उनमें टाइप 2 डायबिटीज का खतरा अधिक होता है।
याददाश्त पर असर
कम नींद के कारण मस्तिष्क अपनी कार्यक्षमता को सही ढंग से नहीं निभा पाता। इससे आपकी स्मृति कमजोर हो जाती है और विचार करने की क्षमता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यदि नींद की कमी लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह मानसिक बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ा सकती है।
इम्यून सिस्टम कमजोर होना
नींद का हमारे रोग प्रतिरोधक तंत्र पर प्रत्यक्ष प्रभाव होता है। जब आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे आप जल्दी बीमार पड़ सकते हैं। यह स्थिति मामूली बीमारियों से लेकर गंभीर संक्रमणों तक का कारण बन सकती है।
मोटापा और वजन बढ़ना
अनुसंधान में यह पाया गया है कि नींद की कमी भूख को बढ़ाने वाले हार्मोनों पर प्रभाव डालती है। इसके परिणामस्वरूप, व्यक्ति को अधिक भूख महसूस होती है और वह अधिक भोजन करता है, जिससे वजन में वृद्धि होती है। इस प्रकार, नींद की कमी मोटापे के प्रमुख कारणों में से एक हो सकती है।
डिप्रेशन और मानसिक समस्याएं
नींद की कमी का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। इसके परिणामस्वरूप तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। यदि लंबे समय तक नींद की कमी बनी रहे, तो यह मानसिक संतुलन को प्रभावित कर सकता है।
क्या करें?
- हर दिन 7-8 घंटे की नींद जरूर लें.
- सोने का एक निश्चित समय बनाएं और उसी का पालन करें.
- कैफीन और स्क्रीन टाइम (जैसे मोबाइल, लैपटॉप) से सोने से पहले बचें.
- सोने का माहौल शांत और अंधेरा रखें, ताकि अच्छी नींद आ सके.
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