Revelation on AAP and Congress Alliance | AAP’s Solo Struggle in Delhi Elections | AIRR News”-delhi political update

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वर्तमान भारतीय राजनीति में गठबंधन और उनकी बदलती प्रकृति एक अत्यंत रोचक और जिज्ञासवर्धक विषय है। विशेषकर जब बात दिल्ली विधानसभा चुनावों की हो, जहां आम आदमी पार्टी और कांग्रेस जैसे दो प्रमुख दलों के बीच गठबंधन की संभावनाएं चर्चा में हैं। क्या यह गठबंधन दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य को बदल सकेगा? क्या आम आदमी पार्टी अकेले चुनाव लड़कर अपनी ताकत साबित कर सकेगी? या फिर भाजपा की प्रभुत्वता बरकरार रहेगी? इन सवालों के जवाब तलाशने के लिए, हमें इस घटनाक्रम के हर पहलू को विस्तार से समझने की जरूरत है। –delhi political update

नमस्कार आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़। -delhi political update

आज हम चर्चा करेंगे आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन से जुड़े ताजा घटनाक्रम पर। वरिष्ठ AAP नेता और दिल्ली मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अकेले उतरेगी। उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

आम आदमी पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन किया था। इस गठबंधन का उद्देश्य भाजपा विरोधी वोटों को विभाजित होने से रोकना था। सीटों के बंटवारे की बात की जाए तो AAP और कांग्रेस ने 4:3 के अनुपात में सीटें बांटी थीं। हालांकि, इस प्रयास के बावजूद AAP लोकसभा चुनाव में सफलता प्राप्त नहीं कर सकी और भाजपा ने अपनी प्रभुत्वता बनाए रखी।

दिल्ली विधानसभा चुनाव की बात करें तो AAP ने पिछले दो चुनावों में जबरदस्त जीत हासिल की है। फिर भी, लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा। 2014, 2019 और 2024 के तीनों लोकसभा चुनावों में पार्टी को सफलता नहीं मिल पाई। 

अब, जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में हैं और अन्य वरिष्ठ नेता भी दबाव में हैं, पार्टी का भविष्य संदेहास्पद दिखता है। जनवरी 2025 में दिल्ली फिर से चुनावों के लिए जाएगी और पार्टी को अपने अभियान की शुरुआत करने से पहले गंभीर आत्मनिरीक्षण करना होगा। चुनावी पंडितों के अनुसार, पार्टी को ऐसे नए नेतृत्व की आवश्यकता है जो जनता तक अपनी बात बेहतर तरीके से पहुंचा सके।

पहले यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि बैठक में राष्ट्रीय राजधानी में नेतृत्व में बदलाव का निर्णय लिया जाएगा क्योंकि मुख्यमंत्री केजरीवाल जेल में हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

आपको बता दे कि आम आदमी पार्टी का उदय भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना थी। 2012 में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक आंदोलन से जन्मी इस पार्टी ने बहुत जल्द ही दिल्ली की सत्ता में अपनी जगह बनाई। 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली बार पार्टी ने भाग लिया और 28 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया। इसके बाद 2015 और 2020 के चुनावों में पार्टी ने प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की।

हालांकि, लोकसभा चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। 2014, 2019 और 2024 के चुनावों में पार्टी को दिल्ली में एक भी सीट नहीं मिली। इसके बावजूद, पार्टी की लोकप्रियता और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में किए गए कार्यों की सराहना होती रही है।

AAP और कांग्रेस के बीच 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए हुआ गठबंधन भी एक महत्वपूर्ण कदम था। इसका उद्देश्य भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना था। लेकिन यह गठबंधन सफल नहीं हो सका। इसका एक प्रमुख कारण यह हो सकता है कि दोनों दलों के मतदाताओं का आधार भिन्न-भिन्न है। AAP के समर्थक उसे भ्रष्टाचार विरोधी और विकास-केन्द्रित पार्टी मानते हैं, जबकि कांग्रेस के समर्थक उसके लंबे इतिहास और अनुभव को देखते हैं। 

वैसे अब आम आदमी पार्टी के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती है कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी पकड़ को बरकरार रख सके। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने के कारण पार्टी के सामने नेतृत्व का संकट है। पार्टी को ऐसे नए नेताओं की तलाश है जो जनता से बेहतर संवाद स्थापित कर सकें और पार्टी के संदेश को प्रभावी तरीके से पहुंचा सकें। 

भारतीय राजनीति में गठबंधन बनाना और टूटना एक सामान्य प्रक्रिया है। 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन हुआ था। लेकिन यह गठबंधन भी चुनाव में सफलता प्राप्त नहीं कर सका और भाजपा ने भारी बहुमत से जीत हासिल की। 

इसी प्रकार, महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई। यह गठबंधन भी विभिन्न विचारधाराओं और राजनीतिक हितों के बावजूद कामयाब रहा। 

तो इस तरह आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन और उसके बाद का घटनाक्रम भारतीय राजनीति में गठबंधन की पेचीदगियों को समझने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP का अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय उसके आत्मविश्वास और रणनीति को दर्शाता है। लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी इन चुनावों में कैसा प्रदर्शन करती है और भाजपा की चुनौती का कैसे सामना करती है। 

नमस्कार आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।

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