आज हम भाजपा की चुनावी बांड योजना पर Congress के ज़ोरदार हमले पर नज़र डालेंगे। Congress ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान की निंदा की है, जिसमें उन्होंने चुनावी बांड को वापस लाने की बात कही है। Congress का आरोप है कि भाजपा ने पहले ही जनता का 4 लाख करोड़ रुपये लूटा है और अब वे “लूट जारी रखना” चाहते हैं।नमस्कार! आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़। – Congress v/s bjp
Congress महासचिव जयराम रमेश ने भाजपा पर तीखा हमला किया है, जो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के उस बयान के बाद आया है कि सत्ता में वापस आने पर भाजपा सभी हितधारकों से परामर्श करने के बाद किसी न किसी रूप में चुनावी बांड वापस लाने का इरादा रखती है।-Congress v/s bjp
एक X पोस्ट में, रमेश ने कहा, “वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि अगर भाजपा सत्ता में वापस आती है, तो वे चुनावी बांड वापस लाएँगे जिसे सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक और अवैध घोषित किया है!” उन्होंने आरोप लगाया, “हम जानते हैं कि भाजपा ने इस घोटाले में जनता के 4 लाख करोड़ रुपये लूटे हैं। अब वे लूट जारी रखना चाहते हैं।”-Congress v/s bjp
रमेश ने कहा, “प्रीपेड रिश्वत – चंदा दो, धंधा लो। पोस्टपेड रिश्वत – ठेका दो, रिश्वत लो। प्रीपेड और पोस्टपेड रिश्वत की संयुक्त लागत: 3.8 लाख करोड़ रुपये।” उन्होंने कहा, “पोस्ट-रेड रिश्वत – हफ्ता वसूली। पोस्ट-रेड रिश्वत की लागत: 1,853 करोड़ रुपये। फर्जी कंपनियाँ – मनी लॉन्ड्रिंग। फर्जी कंपनियों की लागत: 419 करोड़ रुपये।”-Congress v/s bjp
उन्होंने कहा, “यह हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण चुनाव है। खुशी की बात यह है कि ज़मीनी रिपोर्टों से यह साफ़ हो रहा है कि यह भ्रष्ट ब्रिगेड बाहर होने जा रहा है!”
आपको बता दे कि फरवरी में, सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को रद्द करते हुए एक फैसला सुनाया था। शीर्ष अदालत के निर्देश के बाद, भारतीय स्टेट बैंक, जो चुनावी बांड का अधिकृत विक्रेता था, ने चुनावी बांड पर डेटा साझा किया जिसे बाद में सार्वजनिक किया गया।
Congress ने आरोप लगाया है कि चुनावी बांड डेटा ने भाजपा की “भ्रष्ट रणनीति” को उजागर किया है जैसे कि क्विड प्रो क्वो और दान के बदले कंपनियों को “संरक्षण” प्रदान करना।
ऐसे में Congress द्वारा भाजपा पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के चुनावी बांड को वापस लाने वाले बयान पर हमला राजनीतिक रूप से प्रेरित प्रतीत होता है। Congress भाजपा को भ्रष्ट और गैर-जिम्मेदार के रूप में चित्रित करने की कोशिश कर रही है, जबकि खुद को एक स्वच्छ और जवाबदेह विकल्प के रूप में पेश कर रही है।
हालाँकि, Congress का हमला अतिरंजित और अनुमानों पर आधारित प्रतीत होता है। यह स्पष्ट नहीं है कि भाजपा सत्ता में वापस आने पर चुनावी बांड वापस लाएगी या नहीं। इसके अतिरिक्त, Congress द्वारा उद्धृत “PayPM” के तरीके अटकलों और अनुमानों पर आधारित प्रतीत होते हैं।
इसके अलावा, चुनावी बांड पर बहस एक जटिल मुद्दा है। जबकि कुछ लोगों का तर्क है कि चुनावी बांड भ्रष्टाचार को कम करने में मदद करते हैं, अन्य का तर्क है कि वे पारदर्शिता को कम करते हैं और राजनीतिक दलों को बड़े दानकर्ताओं पर अधिक निर्भर बनाते हैं।
अंततः, चुनावी बांड पर बहस का नतीजा राजनीतिक परिदृश्य, अर्थव्यवस्था की स्थिति और जनता की धारणा सहित कई कारकों पर निर्भर करेगा। यह कहना जल्दबाजी होगी कि Congress का हमला भाजपा को किस हद तक नुकसान पहुंचाएगा या अगले लोकसभा चुनाव को कैसे प्रभावित करेगा।
हमारी अगली वीडियो में, हम चुनावी बांड पर बहस और उसके संभावित प्रभावों पर गहराई से नज़र डालेंगे। हम यह भी जांच करेंगे कि क्या भ्रष्टाचार विरोधी अभियान Congress को राजनीतिक तौर पर लाभ दे सकता है।
नमस्कार! आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।
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