लोकसभा चुनाव में Congress की राह नहीं आसान, कैसे रोकेगा बीजेपी का विजय रथ?

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Congress के लिए राह नहीं आसान-Congress V/S bjp

बीजेपी का नारा ‘ अबकी बार,400 पार’

जीत का हैट्रिक लगाने से रोकने की कोशिश

पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 37.7% मिले

वोट शेयर के साथ 303 सीटों पर जीत मिली थी

Congress के सामने कई चुनौतियां 

जीती सीटों को संभाल के रखना होगा

लोकसभा चुनाव के लिए वादों के दांव चले जा रहे हैं, एक-एक सीट पर रणनीति की बिसात बिछाई जा रही है. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने ‘अबकी बार, 400 पार’ का नारा दिया है. विपक्षी Congress नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को जीत की हैट्रिक लगाने से रोकने के लिए पूरा जोर लगा रही है. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 37.7 फीसदी वोट शेयर के साथ 303 सीटों पर जीत मिली थी… Congress ने 19.7 फीसदी वोट शेयर के साथ 52 और अन्य ने  30.9 फीसदी वोट शेयर के साथ 116 सीटें जीती थीं… अन्य में यूपी की सपा-बसपा, ओडिशा की बीजेडी, तेलंगाना में बीआरएस और केरल में लेफ्ट की जीती सीटों का आंकड़ा भी शामिल है. -Congress V/S bjp

Congress ने बीजेपी का विजयरथ रोकने के लिए यूपी और बिहार से लेकर महाराष्ट्र तक, क्षेत्रीय क्षत्रपों से हाथ मिला लिया है और पार्टी को उम्मीद है कि यह गठबंधन एनडीए का विजय रथ रोकने में सफल रहेगा. लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि कि क्या गठबंधनों के गणित से ही Congress बीजेपी का विजयरथ रोक लेगी?.. लोकसभा की देश में कुल 543 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं. इनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, गुजरात जैसे राज्यों को मिलाकर लगभग दो सौ सीटें ऐसी हैं जहां बीजेपी और Congress की सीधी फाइट है. -Congress V/S bjp

अगर साल 2014 और 2019 के चुनाव नतीजे देखें तो बीजेपी पिछले दोनों चुनावों में इनमें से करीब 90 फीसदी सीटें जीतने में सफल रही है.. Congress के सामने इन सीटों पर स्ट्राइक रेट सुधारने, वोट शेयर बढ़ाने की चुनौती है… पिछले चुनाव में बीजेपी की जीती 40 सीटों पर हार-जीत का अंतर 50 हजार वोट से कम रहा था… इन 40 में से 11 सीटें बीजेपी और Congress की सीधी फाइट वाली थीं… -Congress V/S bjp

Congress अगर ‘तीसरी बार मोदी सरकार’ के सपने को डेंट करना चाहती है तो उसे सीधी फाइट वाली इन सीटों पर स्ट्राइक रेट में सुधार करना होगा, विनिंग परसेंटेज बढ़ाना होगा. 2019 में 207 सीटें ऐसी थीं जहां Congress को 30 फीसदी या उससे अधिक वोट मिले थे. पार्टी को इन सीटों पर स्ट्राइक रेट सुधारना होगा… अगर वोट शेयर की बात करें तो बीजेपी को हिंदी पट्टी के यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में 50 फीसदी या उससे अधिक वोट मिले थे.

इन राज्यों में Congress के सामने अपना वोट शेयर बढ़ाने की चुनौती है. यूपी में Congress ने इसी रणनीति के तहत सपा से हाथ मिलाया है जिससे विपक्ष का वोट न बंटे… Congress की उम्मीदों को पर तभी लग सकते हैं जब पार्टी इन राज्यों में अपना, गठबंधन सहयोगियों का वोट शेयर बढ़ाने में सफल रहे और बीजेपी का वोट शेयर-सीटें घटें… अब आपको राज्यों के हिसाब से बताते है.. दरअसल Congress यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में एक-एक, पश्चिम बंगाल में दो सीटों पर सिमट गई थी.

पार्टी राजस्थान, उत्तराखंड, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा जैसे राज्यों के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में भी खाता तक नहीं खोल पाई थी… पार्टी के लिए इन राज्यों में खाता तक नहीं खोल सकी थी. इन राज्यों में Congress को अपना प्रदर्शन सुधारना होगा.. Congress की चुनौती यही भर नहीं है.. Congress को अपने छिटके वोट बैंक को फिर से अपने पाले में लाना होगा. सवर्ण, दलित, आदिवासी, पिछड़ा और अल्पसंख्यक कभी Congress का बेस वोटर हुआ करते थे जो अब अलग-अलग पार्टियों के साथ जा चुके हैं…

पुराने वोट बैंक को साथ लेकर चलना बड़ी चुनौती है… अगर Congress पुराना वोट बैंक फिर साथ ला पाती है तो उत्तर से पूर्वोत्तर तक उसके अधिक सीटों पर जीत की उम्मीदें मजबूत हो सकती हैं… पूर्वोत्तर भारत में लोकसभा की 25 सीटें हैं और इनमें से Congress के पास चार सीटें हैं. इलाके की 21 सीटों पर 2019 में बीजेपी या उसके गठबंधन सहयोगियों को जीत मिली थी. Congress को दक्षिण भारत से सबसे अधिक उम्मीद है लेकिन उसे बीजेपी को रोकने के लिए उत्तर के साथ ही पूर्वोत्तर में भी अपना प्रदर्शन सुधारना होगा

इतना ही नहीं Congress को अपनी जीती हुई सीटों को बचाए रखना होगा जो कि बड़ी चुनौती है… बात अगर साल 2019 की करें तो  Congress ने 2019 में कुल 421 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और इनमें से 52 सीटों पर पार्टी को जीत मिली थी… Congress की हारी सीटों में से 11 ऐसी थीं जहां हार-जीत का अंतर 10 फीसदी से कम वोट का था और पार्टी ने 2024 में इनमें से कम से कम आधी सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है… Congress अपनी जीती सीटें बचाए रखने के साथ उत्तर-पूर्वोत्तर से अपनी सीटें बढ़ाने की जुगत में है. Congress के लिए यह इतना आसान भी नहीं…

वहीं इन इलाकों में पार्टी के सामने विनिंग कैंडिडेट के साथ ही विनिंग फॉर्मूले की तलाश भी बड़ी चुनौती है. Congress को छिटके कोर वोट बैंक को वापस अपने पाले में लाने के लिए लोकल लेवल पर ऐसे नेतृत्व को बढ़ावा देना होगा जिसकी अलग-अलग जातियों पर मजबूत पकड़ हो. जातीय गणित और इमेज का ध्यान रखते हुए उम्मीदवारों का चयन करना होगा. राज्यों में संगठन को मजबूत करने पर भी पार्टी को जोर देना होगा..इसके साथ ही अपने चुनावी अभियान को भी Congress को बढ़ाना होगा…

जिसने अभी तक रफ्तार नहीं पकड़ी है. हालांकि, पार्टी ने अपने कैंपेन को लेकर रणनीति तैयार कर ली है और जल्द ही यह जमीन पर देखने को मिलेगी. Congress ने 170 सीटों को प्राथमिकता में रखा है. यानी इन सीटों को Congress पूरी तरह फोकस में रखेगी. ग्राउंड पर लंबी-चौड़ी टीम रहेगी, जो बीजेपी के हर हमले का जवाब देगी और Congress के पक्ष में माहौल खड़ा करेगी… हालांकि जिस तरह से बीजेपी अपने चुनावी अभियान को रफ्तार दे रही है ऐसे में Congress और उनके सहयोगियों के लिए राह आसान नजर नहीं आ रही.. बहरहाल मुकाबला इस बार काफी दिलचस्प होने वाला है.. ऐसी ही और खबरों को देखने के लिए आप जुड़े रहिए AIRR NEWS के साथ…

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