Lalduhoma becomes the new CM of Mizoram… 4-year-old party did wonders

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CM Lalduhoma: मिजोरम के नए सीएम बने लालदुहोमा… 4 साल पुरानी पार्टी ने किया कमाल 

मिजोरम में सिर्फ चार साल पुरानी पार्टी ने कमाल किया है.. जोरम पीपुल्स मूवमेंट यानि ZPM के नेता लालदुहोमा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली… मिजोरम में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद जोरम पीपुल्स मूवमेंट के नेता लालदुहोमा राज्य के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं.. लालदुहोमा ने शुक्रवार सुबह 11 बजे आइजोल के राजभवन में राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति से CM पद की शपथ ली.. इसके अलावा अन्य दो नेताओं के सपदंगा और वनलालहलाना ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली… आपको बता दें कि लालदुहोमा देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सिक्योरिटी इंचार्ज और कांग्रेस के सांसद रह चुके हैं…

मिजोरम में 40 सीटों पर हुए चुनाव में ZPM ने 27 सीटें जीतीं। सत्ताधारी मिजो नेशनल फ्रंट को 10, बीजेपी को 2 और कांग्रेस के खाते में एक सीट आई है.. अब आपको उस पार्टी के बारे में बताते हैं जिसने इस बार कमाल किया है…यानि जोरम पीपुल्स मूवमेंट पार्टी के बारे में.. तो इस पार्टी की शुरुआत में छह क्षेत्रीय दलों का गठबंधन था.. जिसमें मिजोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, जोरम नेशनलिस्ट पार्टी, जोरम एक्सोडस मूवमेंट, जोरम डिसेंट्रलाइजेशन फ्रंट, जोरम रिफॉर्मेशन फ्रंट और मिजोरम पीपुल्स पार्टी शामिल थीं.. साल 2018 में ZPM ने इसी गठबंधन के साथ चुनाव लड़ा था और आठ सीटें जीतीं… इसके बाद चुनाव आयोग  ने आधिकारिक तौर पर जुलाई 2019 में पार्टी को रजिस्टर्ड किया.. सबसे बड़ी संस्थापक पार्टी मिजोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, 2019 में गठबंधन से बाहर हो गई थी और बाकी बची पांच पार्टियां एक में शामिल हो गईं, जिसे ZPM नाम दिया गया…. अब आपको नव नियुक्त सीएम लालदुहोमा के बारे में जानकारी दे दें.. तो लालदुमोहा पूर्व IPS अधिकारी रह चुके हैंय…जो पूर्व PM इंदिरा गांधी की सिक्योरिटी संभाल चुके हैं…. अभी राहुल गांधी की संसद सदस्यता गई थी तो लालदुहोमा एक बार फिर चर्चा में आ गए थे… दरअसल, लालदुहोमा ने 1984 में मिजोरम से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सीट जीती थी… बाद में उनका राज्य कांग्रेस के नेताओं से मतभेद हो गया और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया.. वो 1988 में दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित होने वाले पहले लोकसभा सांसद बने…

साल 2018 में CM Lalduhoma ने आइजोल पश्चिम और सेरछिप से निर्दलीय चुनाव जीता था.. आपको बता दें कि सूबे में विधानसभा की कुल 40 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 21 है….. इस तरह जोरम पीपुल्स मूवमेंट को इस चुनाव में पूर्ण बहुमत मिली है. मिजोरम में पहले वोटों की काउंटिंग अन्य 4 राज्यों के साथ 3 दिसंबर को ही होने वाली थी… मतगणना की तारीख बदले जाने की मांग को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि मिजो लोग रविवार के दिन पूरी तरह से पूजा में समर्पित रहते हैं. उनकी मांग को स्वीकार करते हुए ईसी ने परिणाम को एक दिन के लिए टाल दिया था…  मिजोरम में सीएम जोरामथांगा की MNF सत्ता में थी… एग्जिट पोल के आंकड़ों में भी मिजोरम में MNF को बड़े नुकसान की संभावना जताई गई थी… यहां सत्ता विरोधी लहर थी,,, जबकि, CM Lalduhoma के नेतृत्व वाली ZPM के पक्ष में जबरदस्त लहर थी. मिजोरम में मुख्यमंत्री पद के लिए 40 फीसदी लोगों की पसंद लालदुहोमा थे. वास्तविक नतीजों में भी यही ट्रेंड कायम रहा. बीजेपी ने कुल 40 में से सिर्फ 23 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे थे… तो इस तरह मिजोरम में लालदुहोमा की पार्टी ने कमाल किया.. और सत्ता पर काबिज हुए…

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