हाल ही में Ministry of Electronics & Information Technology- MeitY ने global use हेतु एक स्वदेशी भारतीय वेब ब्राउज़र बनाने के लिये डेवलपर्स को invite करने हेतु भारतीय Web ब्राउज़र डेवलपमेंट चैलेंज (IWBDC) का शुभारंभ किया।
§ इस प्रतियोगिता की एक प्रमुख शर्त है कि ब्राउज़र का प्रारूप प्रमाणन प्राधिकरण नियंत्रक (सिक्योर सॉकेट्स लेयर प्रमाणपत्रों सहित डिजिटल हस्ताक्षरों के लिये ज़िम्मेदार भारत सरकार का प्राधिकरण) के अनुरूप होना चाहिये।
Indian Web Browser Development Challenge:
o यह एक प्रकार की प्रतियोगिता है जिसमें सभी हिस्सा ले सकते हैं और यह देश के सभी क्षेत्रों से technology के प्रति उत्साही innovators, and developers को एक स्वदेशी Web ब्राउज़र तैयार करने को inspire and empower बनाने का प्रयास करती है।
o यह inbuilt CCA इंडिया रूट India root certificate, cutting edge functionalities एवं डेटा गोपनीयता सुरक्षा सुविधाएँ सहित स्वयं के ट्रस्ट स्टोर के साथ एक स्वदेशी वेब ब्राउज़र होगा।
o IWBDC का नेतृत्व MeitY, CCA और C-DAC बंगलूरू द्वारा किया जाता है।
o इस competition का आयोजन और वित्तपोषण सूचना IT Ministry के Research and Development division तथा भारत के National Internet Exchange of India के सहयोग से किया जा रहा है।
§ Objective:
o अच्छे यूज़र इंटरफ़ेस के साथ विभिन्न प्रकार के उपयोगकर्त्ताओं के लिये एक सुलभ और उपयोग करने में आसान browser उपलब्ध कराना।
o इसके अलावा इस ब्राउज़र में crypto token का उपयोग करके documents पर digital sign करने की ability होनी चाहिये ताकि सुरक्षित लेन-देन और डिजिटल interaction को बढ़ावा दिया जा सके।
§ Significance:
o यह challenge आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है, जिसे भारतीय वेब ब्राउज़र के विकास के माध्यम से भारत की digital sovereignty को मज़बूत करने के लिये डिज़ाइन किया जाना है।
o यह उपयोगकर्त्ताओं के लिये इंटरनेट तक पहुँच प्राप्त करने के सबसे अहम साधन (वेब ब्राउज़र) पर केंद्रित है।
What are Secure Sockets Layer (SSL) Certificates?
o यह एक डिजिटल प्रमाणपत्र है जो किसी वेबसाइट की पहचान को प्रमाणित करने के साथ ही एन्क्रिप्टेड/सुरक्षित कनेक्शन की सुविधा प्रदान करता है।
o यह एक सुरक्षा प्रोटोकॉल है जो वेब सर्वर और वेब ब्राउज़र के बीच एक एन्क्रिप्टेड लिंक बनाता है।
o ऑनलाइन लेन-देन को सुरक्षित रखने तथा ग्राहकों की निजी जानकारी को गोपनीय रखने के लिये कंपनियों और संगठनों के लिये अपनी वेबसाइट्स हेतु SSL सर्टिफिकेट अनिवार्य है।
o Role of Root certifying Authorities in Trust:
o हालाँकि भारत में कानूनी रूप से वैध रूट प्रमाणन प्राधिकरण है जिसे भारतीय Root Certifying Authority of India कहा जाता है, जिसे CCA के तहत वर्ष 2000 में स्थापित किया गया था, लेकिन इसके द्वारा जारी प्रमाणपत्र लोकप्रिय web browsers द्वारा व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त नहीं हैं।
§ CCA ने देश में CA की सार्वजनिक कुंजी पर डिजिटल हस्ताक्षर करने के लिये IT अधिनियम की धारा 18 (b) के तहत RCAI की स्थापना की है।
§ RCAI इस अधिनियम के तहत निर्धारित मानकों के अनुसार संचालित होता है।
o विदेशी अधिकारियों पर इस निर्भरता ने डिजिटल सुरक्षा और विदेशी मुद्रा बहिर्प्रवाह को लेकर चिंताएँ बढ़ा दी हैं।
§ Issues with Indian SSL System:
o भारत में रूट प्रमाणन प्राधिकरण का अभाव है जिस पर Google Chrome, Mozilla Firefox और Microsoft Edge जैसे प्रमुख ब्राउज़र विश्वास करते हैं।
· इससे भारत सरकार और निजी वेबसाइट्स को विदेशी प्रमाणन प्राधिकारियों से SSL प्रमाणपत्र प्राप्त होने लगा है।
o विभिन्न संघ और राज्य सरकार की वेबसाइट्स की मेज़बानी एवं रखरखाव के लिये ज़िम्मेदार CCA-अनुमोदित संगठन, National Informatics Centre- NIC से जुड़ी एक उल्लेखनीय घटना ने भारतीय प्रमाणन अधिकारियों में विश्वास के मुद्दों को रेखांकित किया।
· वर्ष 2014 में NIC द्वारा फर्ज़ी प्रमाणपत्र जारी करने के मामले के बाद भारत के CCA पर browser and operating system के विश्वास में कमी देखी गई थी।o SSL प्रमाणपत्र जारी करने के लिये NIC का authorization रद्द कर दिया गया था, जबकि Indian certifying authorities में विश्वास बना रहा।
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