मायोंग चापोरी गैसबारी के निवासी लियाकत अली ने एएनआई को बताया, “इस गांव का हर परिवार एक जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है।” मोरीगांव जिले में ब्रह्मपुत्र नदी के मध्य स्थित मायोंग चापोरी गैसबाड़ी क्षेत्र में लगभग 200 परिवार रहते हैं। एक अन्य स्थानीय निवासी रबी सरकार ने एएनआई को बताया कि इस साल बाढ़ की यह पहली लहर है। उन्होंने कहा, “इस क्षेत्र के लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस क्षेत्र के लोगों के लिए जिले में अन्य स्थानों तक पहुँचने के लिए नाव ही एकमात्र परिवहन साधन है।” उन्होंने आने वाले दिनों में तीन और संभावित लहरों की चेतावनी दी।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष असम में बाढ़ से 16 लोगों की मौत हो गई तथा भूस्खलन के कारण पांच अन्य की मौत हो गई। राज्य के 18 जिलों में लगभग 4.44 लाख लोग अभी भी बाढ़ की पहली लहर से प्रभावित बताए जा रहे हैं, जिससे 1296 गांव जलमग्न हो गए हैं। 18 बाढ़ प्रभावित जिलों में 16558.59 हेक्टेयर फसल क्षेत्र वर्तमान में जलमग्न है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हैलाकांडी और श्रीभूमि जिलों का दौरा किया, जिला प्रशासन और अन्य विभागों के साथ मौजूदा बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की और प्रभावित लोगों को बाढ़ का पानी कम होने पर सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हर संभव सरकारी मदद का आश्वासन दिया। अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को हैलाकांडी जिले के कई बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने कालीनगर और पंच ग्राम में बनाए गए राहत शिविरों का भी दौरा किया और शिविर में रहने वालों से बातचीत की। उनसे बात करते हुए उन्होंने उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार उनकी तकलीफों को कम करने के लिए पूरी मदद करेगी।