केजरीवाल की बेल या नया सियासी खेल। … -arvindkejriwal political news
क्या है दिल्ली की जनता का मूड ?
बीजेपी और कांग्रेस से है कड़ी टक्कर
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जब से जेल से बाहर आए है..आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं का जोश तो हाई है ही..साथ ही विपक्षी गठबंधन इंडिया को भी एक नई संजीवनी बूटी मिल गई है…वजह क्या है…वह ये है…कि दिल्ली में वैसे तो सिर्फ लोकसभा की 7 और विधानसभा की 70 सीटें है….लेकिन आप की जड़े सिर्फ दिल्ली तक ही सीमित नहीं है…आम आदमी पार्टी लगातार अपना कुनबा बढ़ा रही है..जमीन से लेकर जुड़े हर एक कार्यकर्ता को जोड़ने का काम कर रही है…बीजेपी के खिलाफ खुलकर बगावत कर रही है….कहना है कि मतलब साफ है कि आम आदमी पार्टी इस समय बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है….मगर, इस सबसे जनता को क्या फायदा है….क्योकि दो बिल्लियों की लड़ाई से कभी किसी का भला हुआ है…देखिए, आम आदमी पार्टी के नेताओं पर भ्रष्टाचार और वसूली के जो आरोप लगे है…वह गंभीर है…सत्येंद्र जैन पर वसूली और धमकाने के मामले दर्ज है…तो वहीं आधी से ज्यादा दिल्ली कैबिनेट इस समय कथित शराब घोटाला मामले में ईडी की रडार पर है…फिर से सवाल वहीं कि भ्रष्टाचार के आरोप में घिरी आप…के नेताओं की वापसी से जनता को क्या बैनिफिट…तो बता दे कि, पिछले करीब 49 दिनों से दिल्ली जो कि देश की राजधानी भी है…उसके मुख्यमंत्री तिहाड़ जेल में बंद है…जाहिर सी बात है कि इस दरमियान वह कोई भी सीएम पद का काम नहीं कर पा रहे है..अभी जब उन्हे जमानत भी मिली है…तब भी वह सीएम पद का कोई भी लाभ नहीं उठा पाएंगे….यानि जनसरोकार का कोई भी काम नहीं कर पाएंगे..और केजरीवाल ने सर्वोच्च अदालत में भी इस शर्त को माना है…इसलिए तो अब केजरीवाल जेल से बाहर है…और बढ़-चढ़कर चुनाव प्रचार कर रहे है…मोदी को जमकर निशाने पर ले रहे है….लेकिन दिल्ली की जनता के हक के लिए कुछ भी नहीं कर पा रहे है…दिल्ली में यूं तो समस्याओं का अंबार है….परेशानियां हजार है…पीने के पानी से लेकर रोजगार का संकट है….राजधानी में तो सुरक्षा पर संदेह की स्थिति है…ऐसे में मुख्यमंत्री अपने पद का इस्तेमाल न कर पाएं…जल विभाग से लेकर किसी भी विभाग के लिए कोई भी ऑर्डर पेश न कर पाएं..कोई भी कैबिनेट बैठक न कर पाएं…यहां तक सचिवालय भी न जा पाएं…तो भला ये तो वहीं बात हुई न…कि दुल्हन तो है….पति भी है…बारात भी है..ससुराल भी है…लेकिन फिर गौने के नाम पर दुल्हन को सालों तक अपने मायके में रहना प़ड़ रहा है….कुछ यूं ही हाल केजरीवाल का भी है…जो सीएम तो मगर फिर भी जनहित के लिए कुछ नहीं कर पा रहे है…इस राजनीतिक रस्साकस्सी में सबसे ज्यादा नुकसान अगर किसी का हो रहा है…तो वह खुद दिल्ली की वह जनता है …जो लाइनों में लगकर कड़ी-धूप, बरसात के कहर को झेलकर वोट करती है…इस उम्मीद में…कि जिताया गया हुक्मरान हमारे हक के लिए लड़ेगा…हमारे हक की बात करेगा…ये सिर्फ आम आदमी पार्टी का ही विषय नहीं है…बल्कि इस चक्रव्यूह में कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं का भी नाम शामिल है..ऐसे में देखना होगा…कि इस पूरे चुनावी खेला में क्या आने वाले दिनों में सरकार के बनने और बदलने में जनता को कुछ भी फायदा मिलेगा या नहीं…देखना उम्मीदों से भरा और सोच से पर रहेगा…-arvindkejriwal political news
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Ques–
दिल्ली की वह जनता पर प्रभाव ?
केजरीवाल को बेल मिलना स्पेशल ट्रीटमेंट है ?
क्या चुनाव के समय असल मुद्दा बस जेल जाना और बहार आना है ?
केजरीवाल की इमेज पर कितना फर्क पड़ा है ?
आपके हिसाब से आम आदमी पार्टी अब कितनी मुश्किल है ?
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