अरिफ अबुबकर Sheikh उर्फ भाईजान, कुख्यात गैंगस्टर छोटा शकील का साला और आतंकवाद वित्तपोषण मामले में आरोपी, शुक्रवार शाम मुंबई के जेजे अस्पताल में सांस लेने में कठिनाई और सीने में दर्द की शिकायत के बाद जिसका निधन हो गया। यह घटना न केवल मुंबई की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े करती है, बल्कि इसके पीछे छिपे घटनाक्रम और दाऊद इब्राहिम के आतंकवादी नेटवर्क के बारे में भी गहरी चर्चा की जरूरत है। इस मामले में कई रहस्यमयी पहलू हैं जिनके बारे में जानना जरूरी है। कैसे Sheikh को पकड़ा गया? कैसे उनकी संपत्ति जब्त की गई? और सबसे महत्वपूर्ण, आतंकवादी गतिविधियों में उनकी भूमिका क्या थी? आइए, इस वीडियो के माध्यम से इन सवालों के उत्तर जानने की कोशिश करें।-Arif Abubakar Sheikh news
नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़।
आज की हमारी खास रिपोर्ट में हम चर्चा करेंगे अरिफ अबुबकर Sheikh उर्फ भाईजान के जीवन और उनकी मृत्यु के घटनाक्रम के बारे में। भाईजान कुख्यात गैंगस्टर छोटा शकील के साले थे और उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकवाद वित्तपोषण मामले में गिरफ्तार किया था। इस रिपोर्ट में हम उनके अपराधी जीवन के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे और यह समझने की कोशिश करेंगे कि उनके निधन का क्या प्रभाव हो सकता है।-Arif Abubakar Sheikh news
अरिफ अबुबकर Sheikh , उर्फ भाईजान का नाम मुंबई के अपराध जगत में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। 61 वर्षीय Sheikh , दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी और छोटा शकील के साले थे। उन्हें NIA ने एक आतंकवाद वित्तपोषण मामले में गिरफ्तार किया था जिसमें कई दाऊद गिरोह के सदस्य शामिल थे, जिनमें खुद दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील भी शामिल हैं।
Sheikh को अरेस्ट करने के बाद आर्थर रोड जेल में रखा गया था, जहां से उन्हें इलाज के लिए जेजे अस्पताल ले जाया गया था। उनकी मृत्यु से पहले, NIA ने जुलाई 2023 में उनकी मीरा रोड स्थित संपत्ति को आतंकवाद के आय स्रोत के रूप में जब्त किया था। यह संपत्ति ठाणे जिले के मीरा रोड ईस्ट स्थित गौरव ग्रीन रो हाउस को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी लिमिटेड, क्लस्टर- II, मंगल नगर में स्थित थी।-Arif Abubakar Sheikh news
NIA के अनुसार, Sheikh की संपत्ति को UAPA 1967 की धारा 25 (1) के तहत ‘आतंकवाद के आय स्रोत’ के रूप में जब्त किया गया था। उनकी गिरफ्तारी और संपत्ति जब्ती ने न केवल मुंबई के अपराध जगत में हलचल मचाई, बल्कि दाऊद इब्राहिम के नेटवर्क को भी झटका दिया।
आपको बता दे कि अरिफ Sheikh की गिरफ्तारी और मृत्यु का घटनाक्रम कई सवाल खड़े करता है। सबसे पहले, यह जानना जरूरी है कि Sheikh की भूमिका दाऊद इब्राहिम के आतंकवादी नेटवर्क में क्या थी? उनके व्यापारिक संबंधों के माध्यम से, उन्होंने आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन कैसे जुटाया?
दाऊद इब्राहिम का नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला हुआ है और उसके विभिन्न सहयोगी अपराध की दुनिया में सक्रिय हैं। Sheikh की गिरफ्तारी और उनकी संपत्ति की जब्ती इस नेटवर्क पर एक महत्वपूर्ण चोट थी। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय एजेंसियां आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम उठा रही हैं।-Arif Abubakar Sheikh news
दूसरी बात, यह भी महत्वपूर्ण है कि Sheikh को आर्थर रोड जेल में रखा गया था, जहां से उन्हें इलाज के लिए जेजे अस्पताल ले जाया गया। यह सवाल खड़ा करता है कि जेल में उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य की देखभाल कैसी थी? क्या उनकी मृत्यु में कोई षड्यंत्र था या यह एक सामान्य घटना थी?
इतिहास में देखा जाए तो मुंबई हमेशा से अपराध और आतंकवाद के निशाने पर रही है। 1993 के मुंबई बम धमाकों से लेकर 2008 के मुंबई हमलों तक, दाऊद इब्राहिम का नेटवर्क हमेशा संदेह के घेरे में रहा है। Sheikh की गिरफ्तारी और उनकी संपत्ति की जब्ती इस बात की पुष्टि करती है कि दाऊद का नेटवर्क अभी भी सक्रिय है और उसे नष्ट करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
Sheikh की मृत्यु के बाद, यह सवाल उठता है कि क्या दाऊद इब्राहिम के नेटवर्क पर और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे? क्या Sheikh की गिरफ्तारी और उनकी संपत्ति की जब्ती से दाऊद के अन्य सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा?
हालाँकि अरिफ Sheikh की घटना के समान अन्य घटनाएं भी मुंबई के अपराध जगत में घट चुकी हैं। 2015 में, छोटा राजन के सहयोगी संजय गुजर को गिरफ्तार किया गया था। गुजर पर भी कई आपराधिक मामले थे और उसे भी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था। उसकी गिरफ्तारी से भी मुंबई पुलिस और NIA को महत्वपूर्ण जानकारी मिली थी।
2017 में, दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को गिरफ्तार किया गया था। कासकर पर भी आतंकवादी गतिविधियों और वित्तपोषण का आरोप था। उसकी गिरफ्तारी से भी दाऊद के नेटवर्क को झटका लगा था और कई महत्वपूर्ण सूचनाएं प्राप्त हुई थीं।
इसी तरह, 2018 में, दाऊद के एक अन्य सहयोगी फारूक टकला को दुबई से भारत लाया गया था। टकला पर भी आतंकवादी गतिविधियों और 1993 के मुंबई बम धमाकों में शामिल होने का आरोप था। उसकी गिरफ्तारी से भी दाऊद के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा था।
इन सभी घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय एजेंसियां आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम उठा रही हैं और दाऊद इब्राहिम के नेटवर्क को नष्ट करने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं।
तो इस तरह अरिफ अबुबकर Sheikh उर्फ भाईजान की मृत्यु और उनकी गिरफ्तारी का घटनाक्रम न केवल मुंबई के अपराध जगत को बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख देने वाला है। यह घटना इस बात की पुष्टि करती है कि भारतीय एजेंसियां आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम उठा रही हैं। Sheikh की गिरफ्तारी और उनकी संपत्ति की जब्ती से दाऊद इब्राहिम के नेटवर्क को एक बड़ा झटका लगा है और इससे यह संकेत मिलता है कि भविष्य में और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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