Who is Ankiti Bose, why did the defamation case of 820 crore rupees hit the investor?

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कौन हैं Ankiti Bose, investor पर क्यों ठोका 820 करोड़ रुपए का मानहानि केस?

वेंचर कैपिटल इन्वेस्टर महेश मूर्ति हाल ही में जब भारतीय स्टार्टअप के बारे में एक लेख लिख रहे थे तब उन्हें कतई अंदाजा नहीं होगा कि यह उन्हें भारी पड़ सकता है….फेमस महिला उद्यमी Ankiti Bose: ₹820 Crore Defamation Case and the Investor ने उस आर्टिकल में लिखी गई कुछ बातों को लेकर इन्वेस्टर महेश मूर्ति के खिलाफ मानहानि का केस कर दिया है…31 साल  की Ankiti Bose: ₹820 Crore Defamation Case and the Investor ने एक आर्टिकल के चक्कर में जाने-माने एंजल इन्वेस्टर महेश मूर्ति पर 820 करोड़ रुपये का मानहानि का केस ठोक दिया है…अंकिति ने उनपर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने आर्टिकल में उनका अपमान किया है…उनपर गलत आरोप लगाए हैं…

दरअसल महेश मूर्ति ने वेंचर कैपिटल के भारत में हाल को लेकर आर्टिकल लिखा था…उसमें वह जिलिंगो, ट्रेल, भारतपे और गोमैकेनिक जैसे स्टार्टअप्स का जिक्र करते हैं, जो फ्रॉड के आरोपों के चलते चर्चा में रहे हैं…मूर्ति ने अपने आर्टिकल में सीधे तौर पर अंकिति का नाम तो नहीं लिया है लेकिन उन्होंने इस संबंध में साफ इशारा किया है…अंकिति बोस ने महेश मूर्ति के आर्टिकल को भेदभाव और अपमानजनक बताते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज करवाया है। अंकिति बोस एक फैशन स्टार्टअप जिलिंगो की को-फाउंडर हैं और सीईओ रह चुकी हैं…हालांकि बाद में उनपर अनियमितता के आरोप लगे और उन्हें जिलिंगो ने बर्खास्त कर दिया था… साल 2019 में वो काफी चर्चा में रही थीं, जब जिलिंगों की वैल्युएशन 97 करोड़ डॉलर पर पहुंच गई…

मूर्ति ने अपने आर्टिकल में एक महिला का जिक्र किया है, जो एक लोकप्रिय फैशन पोर्टल चला रही थी और जिसने सेक्वॉया से फंड लिए थे…अंकिति का कहना है कि यह जिक्र उनके बारे में जरूरत से ज्यादा इशारा करना है. उन्होंने इसी बात को आधार बनाकर मानहानि का मुकदमा किया है….अंकिति ने कोर्ट से मांग की है कि मूर्ति के ऊपर अंकिति के बारे में सोशल मीडिया या किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर कुछ भी लिखने से हमेशा के लिए रोक दिया जाए…

अंकिति बोस का जन्म 1992 में भारत में हुआ। उनकी पढ़ाई मुंबई के कांदिवली के कैंब्रिज स्कूल से हुई है। साल 2012 में उन्होंने इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया। करियर की शुरुआत मैकेन्जी एंड कंपनी से की। साल 2014 में अंकिति ने अपने पड़ोसी ध्रुव कपूर के साथ मिलकर जिलिंगो की शुरुआत की। ध्रुव कपूर गेमिंग स्टूडियो कीवी इंक में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। दोनों ने नौकरी छोड़कर जिलिंगो पर फोकस किया…अपनी-अपनी सेविंग्स लगाई….जिलिंगो का हेडक्वॉर्टर फिलहाल सिंगापुर में है। कंपनी का टेक ऑफिस बेंगलुरु में है। साल 2019 में जिलिंगो ने सिकोइया और टेमासेक जैसे निवेशकों से 22.6 करोड़ डॉलर के फंड जुटाए। कंपनी की वैल्युएशन बढ़कर 97 करोड़ डॉलर पर पहुंच गई। जिसके बाद अंकिति चर्चा में आ गई…97 करोड़ डॉलर की वैल्युएशन के साथ ही उनका नाम फोर्ब्स एशिया की 30 अंडर 30 की लिस्ट में आ गई…साल 2019 में उनका नाम फॉर्च्यून की 30 अंडर 30 और ब्लूमबर्ग 50 में नाम आया था…इसी साल उन्हें बिजनेस वर्ल्डवाइड मैगजीन मोस्ट इनोवेटिव सीईओ ऑफ द ईयर-सिंगापुर का खिताब भी मिला…साल 2020 में उन्हें सिंगापुर 100 वुमन में जगह मिली…

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