“Air Pollution in 2021: A Global Crisis – AIRR News” 

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Air Pollution 2021
Air Pollution 2021

साल 2021, जब पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी से जूझ रही थी, एक और गंभीर समस्या हमारे सामने उभर कर आई – वायु प्रदूषण। वायु प्रदूषण की वजह से लाखों लोगों की जान गई और यह एक प्रमुख वैश्विक हत्यारा बनकर उभरा। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में वायु प्रदूषण के कारण दुनियाभर में 8.1 मिलियन मौतें हुईं। इस संकट का सबसे अधिक प्रभाव भारत और चीन पर पड़ा, जहां क्रमशः 2.1 मिलियन और 2.3 मिलियन लोगों की जान गई। –Air Pollution 2021

इस रिपोर्ट में न केवल वयस्कों पर बल्कि छोटे बच्चों पर भी वायु प्रदूषण के विनाशकारी प्रभाव को उजागर किया गया है। भारत में ही, 2021 में पाँच वर्ष से कम उम्र के 1,69,400 बच्चों की जान वायु प्रदूषण की वजह से गई। यह आंकड़े हमें चौंकाने वाले है और सवालो से भरे हुए है की क्या हम वायु प्रदूषण को गंभीरता से ले रहे हैं?  हमारी नीतियाँ और नियम इस संकट से निपटने के लिए कितने प्रभावी हैं? और हम अपने बच्चों और भविष्य की पीढ़ियों को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं?  इन सवालों के जवाब जानने के लिए बने रहिए हमारे साथ। नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़। –Air Pollution 2021

वायु प्रदूषण एक ऐसा मुद्दा है जो अब वैश्विक स्वास्थ्य के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक बन चुका है। 2021 में, वायु प्रदूषण के कारण हुई मौतों की संख्या पहले के किसी भी वर्ष से अधिक थी। 

वायु प्रदूषण के कई स्रोत होते हैं, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:

1. उद्योग और बिजली संयंत्र: ये संयंत्र भारी मात्रा में धुएं और विषैले गैसों का उत्सर्जन करते हैं। –Air Pollution 2021

2. वाहन प्रदूषण: कार, बस, ट्रक और अन्य वाहनों से निकलने वाले धुएं में हानिकारक कण और गैसें होती हैं।-

3. घर का प्रदूषण: खाना पकाने और हीटिंग के लिए जैव ईंधनों का उपयोग भी एक बड़ा कारण है।

4. प्राकृतिक स्रोत: जंगलों की आग, धूल के तूफान और ज्वालामुखी विस्फोट भी वायु प्रदूषण के प्राकृतिक स्रोत हैं। -Air Pollution 2021

ऐसे में वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर व्यापक प्रभाव होता है। PM2.5 और ओजोन जैसे प्रदूषक हमारे फेफड़ों में जाकर उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं और हमारे रक्तप्रवाह में प्रवेश कर विभिन्न अंग प्रणालियों को प्रभावित करते हैं। इसके परिणामस्वरूप गैर-संक्रामक रोगों जैसे दिल की बीमारियां, स्ट्रोक, डायबिटीज, फेफड़े का कैंसर और सीओपीडी का खतरा बढ़ जाता है।

इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 2021 में वायु प्रदूषण के कारण पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मौतें भी बढ़ी हैं। भारत में, 1,69,400 बच्चों की जान वायु प्रदूषण की वजह से गई। इसके अलावा, नाइजीरिया में 1,14,100, पाकिस्तान में 68,100, इथियोपिया में 31,100 और बांग्लादेश में 19,100 बच्चों की मौतें हुईं। –Air Pollution 2021

इसी तरह वायु प्रदूषण का आर्थिक प्रभाव भी अत्यंत गंभीर है। स्वास्थ्य सेवाओं पर बढ़ते खर्च, कार्यक्षमता में कमी और रोगों के कारण होने वाली आर्थिक हानि से देश की अर्थव्यवस्था पर बड़ा दबाव पड़ता है। 

आपको बता दे कि वायु प्रदूषण की समस्या नई नहीं है। औद्योगिक क्रांति के समय से ही यह समस्या बढ़ती आ रही है। 1952 में लंदन स्मॉग घटना ने पहली बार वायु प्रदूषण के गंभीर स्वास्थ्य प्रभावों को उजागर किया। इसके बाद से विभिन्न देशों ने वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए नियम और नीतियाँ बनाई हैं, लेकिन यह समस्या अब भी गंभीर बनी हुई है।

आज वायु प्रदूषण एक वैश्विक समस्या बन चुकी है। चीन और भारत जैसे तेजी से औद्योगिकीकरण कर रहे देशों में यह समस्या और भी गंभीर है। इन देशों में बड़ी जनसंख्या और तेजी से बढ़ता शहरीकरण वायु गुणवत्ता को और भी खराब कर रहा है। 

यदि वायु प्रदूषण पर समय रहते नियंत्रण नहीं किया गया, तो भविष्य में इसके और भी गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। बढ़ते रोग और मृत्यु दर के कारण सामाजिक और आर्थिक विकास पर बड़ा असर पड़ेगा। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन की समस्या भी वायु प्रदूषण से जुड़ी हुई है, जो पूरे ग्रह के लिए खतरा है।

हालाँकि 2021 के अलावा भी वायु प्रदूषण ने कई बार बड़ी संख्या में लोगों की जान ली है। 1952 की लंदन स्मॉग घटना में हजारों लोगों की जान गई थी। 2013 में चीन के बीजिंग में भीषण वायु प्रदूषण के कारण ‘एयरपोकैलिप्स’ की स्थिति उत्पन्न हुई थी, जिसमें लाखों लोग प्रभावित हुए थे।

इस समस्या के समाधान में सरकारों, संगठनों और नागरिकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। सरकारें नीतियाँ और नियम बना सकती हैं, जबकि नागरिक अपने व्यवहार में परिवर्तन ला सकते हैं। उदाहरण के लिए, स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग और वृक्षारोपण जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।

वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयासों के कई लाभ हैं, जैसे कि स्वास्थ्य में सुधार, जीवन प्रत्याशा में वृद्धि और आर्थिक विकास में सुधार। हालांकि, इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जैसे कि उद्योगों पर लगाए गए नियमों से आर्थिक विकास में धीमापन आ सकता है।

तो इस तरह हमने जाना की वायु प्रदूषण एक गंभीर वैश्विक समस्या है जो हमारे स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण को प्रभावित कर रही है। इसके समाधान के लिए सरकारों, संगठनों और नागरिकों को मिलकर काम करना होगा। हमें स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग, वाहनों के प्रदूषण को नियंत्रित करने और पर्यावरणीय नीतियों को लागू करने की दिशा में प्रयास करने होंगे।

अगली वीडियो में हम आपको बताएंगे कि कैसे वायु प्रदूषण से बचने के लिए आप अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलाव ला सकते हैं और पर्यावरण को स्वच्छ बना सकते हैं। हम जानेंगे कि कौन-कौन सी नीतियाँ और उपाय आपके स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।

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नमस्कार, आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।

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