Who is Mahrang Baloch and Why Pakistan government and army afraid of this beautiful girl from Balochistan

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Who is Mahrang Baloch: भारत को बात-बात पर गीदड़ भभकी देने वाला पाकिस्तान अपने ही देश में घिरा हुआ है. इसकी वजह है- बलूचिस्तान. यह पाकिस्तान का वह इलाका है, जहां अब पाकिस्तानी सैनिक भी जाने से कतराते हैं. दरअसल, बीते कुछ सालों में बलूच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ अपने आंदोलन को इतना उग्र कर दिया है कि पाकिस्तानी सेना इनसे खौफ खाने लगी है. बलोच लड़ाकों ने बीते दो सालों में पाकिस्तानी सेना को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. 

हालांकि, हम बलूचिस्तान की एक ऐसी खूबसूरत लड़की की बात करने जा रहे हैं, जिसने आज तक हथियार नहीं उठाया और न ही कभी उसके समर्थकों ने हिंसा का सहारा लिया. इसके बावजूद पाकिस्तान की सरकार इस खूबसूरत लड़की की एक आवाज से थर-थर कांपती है. इस लड़की के तेवरों में इतना दम है कि पाकिस्तान सरकार पर बलोच आर्मी के हमले भी छोटे लगते हैं. हम बात कर रहे हैं महरंग बलोच की. भारत के साथ सैन्य संघर्ष में पाकिस्तान की फजीहत होने के बाद मेहरंग बलोच के वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं. उनके भाषणों के तेवर इतने उग्र हैं कि हर कोई उन्हें सुनना चाह रहा है. ऐसे में चलिए जानते हैं कौन हैं महरंग बलोच और उनसे पाकिस्तान की हुकूमत क्यों कांपती है? 

कौन हैं महरंग बलोच?

बलूच यकजेहती समिति (BYC) की नेता महरंग बलोच बलूचिस्तान के खिलाफ पाकिस्तान की सरकार व सेना के दमन के खिलाफ एक मुखर आवाज हैं. वह पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ लंबे समय से आंदोलन कर रही हैं. महरंग बलोच का जन्म बलूचिस्तान में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था. वह पेशे से डॉक्टर हैं. उनके परिवार में पांच बहने और एक भाई है. महरंग के पिता अब्दुल गफ्फार बलूच एक मजदूर व राजनीतिक कार्यकर्ता थे. 2009 में पाकिस्तानी सेना ने कराची में उनके पिता को अगवा कर लिया था, उस समय महरंग महज 16 साल की थीं. 2011 में उनके पिता की लाश मिली थी, जिस पर पाकिस्तानी सेना की क्रूरता और बर्बरता के गंभीर निशान थे. यहीं से महरंग ने पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ आंदोलन का प्रण लिया था. 

भाई के अपहरण के बाद खुलकर आई सामने

पिता की हत्या के बाद पाकिस्तानी सेना द्वारा 2017 में महरंग के इकलौते भाई का अपहरण कर लिया गया था, जिसके खिलाफ महरंग ने आंदोलन छेड़ दिया. उनका आंदोलन इतना मुखर था कि पाकिस्तानी सेना और सरकार घुटनों पर आ गई. करीब तीन महीने के उग्र आंदोलन के बाद पाकिस्तानी सरकार महरंग के भाई को छोड़ने पर मजबूर हो गई. हालांकि, इसके बाद भी महरंग पीछे नहीं हटीं. बलूचिस्तान में महिलाओं समेत युवाओं के संदिग्ध हालत में गायब होने, उन पर अत्याचारों के खिलाफ महरंग एक मुखर आवाज बनकर उभरीं. आज महरंग की एक आवाज पर हजारों लोग जान देने के लिए तैयार रहते हैं और यही कारण है कि पाकिस्तान की सरकार महरंग से थर-थर कांपती है. 

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