Udit Raj On BJP: आपातकाल लागू होने के 50 साल पूरे होने पर सरकार देश भर में स्मृति कार्यक्रम का आयोजन करेगी. 25 जून 1975 को भारत में आपातकाल लागू किया गया था. सरकार की ओर से कार्यक्रम आयोजन करने के फैसले और इमरजेंसी पर कांग्रेस नेता उदित राज ने प्रतिक्रिया दी है.
न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत में उदित राज ने आपातकाल पर कहा, “वो सैड पार्ट था लेकिन वो ओपेन इमरजेंसी थी. आज इमरजेंसी घोषित नहीं है लेकिन उससे भी ज्यादा स्थिति खराब है. किसी भी इंडेक्स में आप देख सकते हैं. फ्रीडम ऑफ प्रेस, रिलीजियस टॉलरेंस…दो-चार ही इंडिकेटर होते हैं, जिससे पता चलता है कि देश में लोकतंत्र है या नहीं है.”
इमरजेंसी में सारी चीजें खराब नहीं थीं- उदित राज
उन्होंने आगे कहा, ”इमरजेंसी में सारी चीजें खराब नहीं थीं. दलित और आदिवासियों का इमरजेंसी में बड़ा उत्थान हुआ. 20 सूत्री कार्यक्रम उसी समय लागू हुआ था. जो भूमिहीन थे उनको जमीन दी गई. बहाली हुई. इसके अलावे बहुत सारे कल्याणकारी कार्य इंदिरा गांधी जी ने किए थे. उसके बाद शायद इतना अच्छा कार्य नहीं हो सका है.”
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाते हुए कहा, ”बीजेपी में फासीस्टवादी लोग हैं. अघोषित इमरजेंसी है. इनकी कहां से नैतिकता बन रही है जो उस इमरजेंसी की बात करें. आज तो उस इमरजेंसी से ज्यादा बुरी स्थिति है.
चुनाव आयोग बीजेपी के कंट्रोल में है- उदित राज
उन्होंने कहा, ”बीजेपी आज अपना हिसाब किताब बताए. आज चुनाव आयोग इनके कंट्रोल में है. उस समय का इंडिपेंडेंट ज्यूडिशियरी को देख सकते हैं कि एक प्राइम मिनिस्टर का चुनाव अवैध कर दिया गया. क्या आज कोई सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट का जज मोदी-शाह के खिलाफ इस तरह का फैसला दे सकते हैं? इसी से पता लगता है कि उस समय संस्थान कितने आजाद थे. मेरा कहने का मतलब है कि संवैधानिक संस्थाएं फिर भी बहुत मजबूत थीं. आज संवैधानिक संस्थाएं दंडवत हो गई हैं.”
बता दें कि देश में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक 21 महीने के लिए इमरजेंसी रही. तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की सरकार की सिफारिश पर इमरजेंसी की घोषणा की थी.
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