‘One Nation One Election’ को मिली कैबिनेट की मंजूरी, शीतकालीन सत्र में सरकारलाएगी बिल, क्या एक बार और BJP को लेना पडे़गा यू-टर्न?

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BJP की ‘One Nation One Election योजना अब विरोध का सामना कर रही है,
खासकर विपक्ष की बढ़ती ताकत और राहुल गांधी की लोकप्रियता के कारण। हाल
में सरकार को कई मुद्दों पर यू-टर्न लेना पड़ा है, जैसे सोशल मीडिया बिल और
कृषि कानूनों की वापसी। विपक्ष का कहना है कि यह योजना लोकतंत्र को कमजोर
करेगी। अगर BJP इस योजना को आगे बढ़ाती है, तो उसे बड़े विरोध का सामना

करना पड़ सकता है, जो उसकी छवि को और नुकसान पहुंचा सकता है।

Article:
हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के दौरान BJP ने अपने घोषणापत्र में ‘वन
नेशन, वन इलेक्शन’ को प्रमुख वादों में शामिल किया था। यह योजना पूरी तरह
से एकीकृत चुनाव प्रणाली की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसका उद्देश्य पूरे देश
में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराना है।

संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार लाएगी बिल

z के प्रस्ताव को 18 सितंबर (बुधवार) को केंद्रीय कैबिनेट
की मंजूरी मिल गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र
में इसपर बिल लेकर लाएगी। यह घटनाक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले
महीने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए गए अपने संबोधन में ‘वन नेशन, वन
इलेक्शन’ की बात करने के बाद सामने आया है। PM मोदी ने तर्क दिया था कि
बार-बार चुनाव होने से देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न होती है।

BJP की राजनीतिक स्थिति

BJP सरकार के कई महत्वपूर्ण एजेंडों का संसद में अटकना स्पष्ट रूप से उनकी
राजनीतिक स्थिति को दर्शाता है। ‘ One Nation One Election’ योजना को जिस
उत्साह के साथ पेश किया गया था, अब उसकी वास्तविकता कुछ और ही है।
विपक्ष की मजबूती और राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता ने BJP के लिए नई
चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। विपक्ष अब सरकार के हर कदम पर सवाल उठाने लगा
है, जिससे BJP को कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर पीछे हटना पड़ा है।

विपक्ष की ताकत

2024 के चुनावों के बाद से विपक्ष की ताकत में लगातार इजाफा हुआ है। राहुल
गांधी, जो अब एक प्रभावशाली नेता के रूप में उभरे हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
के लिए बड़ी चुनौती बन चुके हैं। उनकी बढ़ती लोकप्रियता ने BJP की चिंता को

बढ़ा दिया है। वर्तमान में, विपक्ष इतना मजबूत हो गया है कि वह BJP के हर
निर्णय का कड़ा विरोध कर रहा है।

सोशल मीडिया बिल: एक महत्वपूर्ण यू-टर्न

सोशल मीडिया बिल, जिसे BJP ने बड़े जोश के साथ पेश किया था, जिसका
मकसद फेक न्यूज़ और आपत्तिजनक कंटेंट पर रोक लगाना था। लेकिन जैसे ही
इसका विरोध शुरू हुआ, BJP को इस मुद्दे पर पीछे हटना पड़ा। विपक्ष और कई
सामाजिक संगठनों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए इसके
खिलाफ आवाज उठाई। अंततः, सरकार को चुपचाप यू-टर्न लेना पड़ा, जिससे यह
स्पष्ट होता है कि BJP की नीति में स्थिरता की कमी है।

कृषि कानूनों की वापसी: किसानों के आगे झुकती सरकार

कृषि कानूनों का मामला BJP के लिए एक और बड़ा यू-टर्न साबित हुआ। 2020
में लागू हुए ये कानून किसानों के व्यापक विरोध का सामना कर रहे थे। किसान
महीनों तक दिल्ली की सीमाओं पर धरने देते रहे, जिसके परिणामस्वरूप सरकार
को झुककर इन कानूनों को वापस लेना पड़ा। यह घटनाक्रम BJP की छवि को
बड़ा झटका लगा, यह दर्शाता है कि जनता के विरोध का दबाव सरकार पर भारी
पड़ सकता है।

अग्निपथ योजना: युवा विरोध का सामना

‘अग्निपथ योजना’ भी BJP के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई। यह योजना युवाओं
को सेना में सीमित समय के लिए शामिल करने का प्रावधान करती थी। लेकिन
इसे बेरोजगारी का अस्थायी समाधान मानकर युवाओं और विपक्ष ने इसका विरोध
किया। इस योजना के खिलाफ इतना विरोध हुआ कि सरकार को कई संशोधन
करने पड़े। इससे यह स्पष्ट हुआ कि BJP को अपने निर्णयों पर फिर से विचार
करना पड़ सकता है।

One Nation One Election‘: संभावित कठिनाइयां

‘ One Nation One Election’ योजना का उद्देश्य पूरे देश में एक साथ चुनाव कराना
है, जो सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन इसे लागू करने के लिए संविधान में बड़े
बदलाव की आवश्यकता होगी। इसके लिए संसद में पूर्ण समर्थन जरूरी है।
हालांकि, वर्तमान में विपक्ष इतना मजबूत हो चुका है कि किसी भी बड़े मुद्दे पर
सहमति बनाना मुश्किल हो गया है। इस स्थिति ने BJP को असहज बना दिया
है।

विपक्ष का मजबूत विरोध

विपक्ष के कई दल ‘ One Nation One Election’ के खिलाफ खड़े हो गए हैं। उनका
कहना है कि यह लोकतंत्र को कमजोर करेगा और राज्यों के अधिकारों को खतरे में
डालेगा। कई विपक्षी नेता इसे संघवाद पर हमला मानते हैं। इस प्रकार, यह स्पष्ट

है कि अगर BJP इस योजना को आगे बढ़ाती है, तो उसे बड़े विरोध का सामना
करना पड़ेगा, जो उसकी छवि को और नुकसान पहुंचा सकता है।

राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता

राहुल गांधी अब केवल विपक्ष के नेता नहीं रहे, बल्कि वे एक मजबूत प्रधानमंत्री
पद के दावेदार के रूप में भी उभरे हैं। उनकी लगातार आक्रामकता और ‘भारत
जोड़ो यात्रा’ ने उन्हें युवाओं के बीच लोकप्रिय बना दिया है। यदि उनकी
लोकप्रियता इसी तरह बढ़ती रही, तो मोदी सरकार के लिए आगामी चुनावों में
जीत की राह मुश्किल हो जाएगी। यह BJP के लिए चिंता का विषय है।

BJP की लगातार कमजोर होती स्थिति

पिछले कुछ समय से, जब भी BJP ने कोई बड़ा मुद्दा उठाया है, उसे विरोध का
सामना करना पड़ा है। इस स्थिति ने उनकी बैकफुट छवि को मजबूत कर दिया है।
हर बार जब सरकार ने नया कदम उठाया है, विपक्ष ने उसे चुनौती दी है। यह
कहना गलत नहीं होगा कि BJP की छवि अब लगातार कमजोर होती जा रही है।

संभावित यू-टर्न

यदि सरकार ‘ One Nation One Election’ योजना को आगे बढ़ाती है, तो इसे लागू
करना लगभग असंभव दिखता है। BJP को पहले ही कई मामलों में अपने फैसलों
पर यू-टर्न लेना पड़ा है, और यह योजना भी उसी राह पर जा सकती है। विपक्ष ने
पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह इस योजना का पूरी तरह से विरोध करेगा।
यदि BJP इस मुद्दे पर भी पीछे हटती है, तो यह उसकी छवि को और नुकसान
पहुंचा सकता है।

भविष्य की चुनौतियां

BJP के लिए आने वाला समय कठिन हो सकता है। ‘ One Nation One Election’ का
मुद्दा जिस तरह से विवादों में घिर चुका है, उसे देखते हुए यह कहना मुश्किल
नहीं कि सरकार को एक और यू-टर्न लेना पड़ेगा। राहुल गांधी की बढ़ती
लोकप्रियता और विपक्ष का मजबूत होना BJP के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो
सकता है। मोदी सरकार को अब यह तय करना होगा कि वह इन चुनौतियों का
सामना कैसे करेगी, नहीं तो उसे एक बार फिर से जनता के सामने शर्मिंदा होना
पड़ सकता है।

गौरतलब है कि BJP की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं, और उनके द्वारा उठाए गए
हर कदम पर विरोध का सामना करना पड़ रहा है। ‘ One Nation One Election’
योजना उनकी अगली बड़ी चुनौती हो सकती है, और इसे लागू करना शायद संभव
न हो। BJP को अब अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा, अन्यथा उनके लिए
आगे की राह कठिन होती जाएगी।

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