जड़ी-बूटियों का राजा है यह कांटेदार पौधा, इसमें छिपा है ग्लोइंग त्वचा का राज, गैस और एसिडिटी से भी दिलाता है राहत

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    Aloevera Health Benefits: एलोवेरा कांटेदार पौधा होता है और यह औषधीय गुणों से भरपूर होती है. आयुर्वद में इसे जड़ी-बुटियों का राजा कहा जाता है.इसका उपयोग न केवल त्वचा और बालों की देखभाल में होता है, बल्कि यह पाचन तंत्र, इम्यून सिस्टम और डायबिटीज जैसी समस्याओं में भी फायदेमंद है. एलोवेरा का जेल त्वचा की समस्याओं को कम करता है, जबकि एलोवेरा जूस पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाता है. राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी सब्जी भी बनाई जाती है, जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहतमंद भी होती है.

    एलोवेरा

    हमारे आस-पास ऐसे अनेकों पेड- पौधे पाए जाते हैं जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं, ऐसा ही एक पौधा एलोवेरा है. यह एक औषधीय गुणों वाला पौधा है. इस कारण इसे जड़ी-बूटियां का राजा कहा जाता है. इसका उपयोग कई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट बनाने में भी किया जाता है. आयुर्वेद में भी यह बहुत उपयोगी है.

    एलोवेरा

    आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. मनीष शर्मा के अनुसार अगर कोई भी एलोवेरा ओषधि का रोज सेवन करते हैं, तो आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. उन्होंने बताया कि एलोवेरा एक रसीला और काटेदार पौधा होता है. इसकी अनेकों किस्में होती है.

    एलोवेरा

    आयुर्वेदिक डॉक्टर के अनुसार एलोवेरा में लसलसा पदार्थ आया जाता होता है, जो कि कई अन्य पोषक तत्वों में मिश्रित होती है. जेल को कच्चे रूप में और सीधे त्वचा पर लगाया जाता है. एलोवेरा जेल त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है.

    एलोवेरा

    आयुर्वेदिक डॉक्टर के अनुसार, एलोवेरा जेल का नियमित उपयोग त्वचा की समस्याओं, जैसे दाग-धब्बे, मुंहासे और सनबर्न को कम करता है. इसके अलावा यह त्वचा को हाइड्रेट करता है और उसे नरम और चमकदार बनाता है. एलोवेरा जूस पाचन तंत्र को सुधारता है और कब्ज की समस्या को दूर करता है. यह पेट की गैस, एसिडिटी और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं में मदद करता है.

    एलोवेरा

    एलोवेरा जेल बालों की जड़ों को पोषण देता है और बालों की ग्रोथ में मदद करता है. इसमें एंटीफंगल और मॉइस्चराइजिंग गुण होते हैं, जो डैंड्रफ को कम करते हैं. एलोवेरा जूस एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और संक्रमण से बचाता है. यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों को लाभ मिलता है

    एलोवेरा

    ग्रामीण क्षेत्र में एलोवेरा का पौधा अधिकांश पाया जाता है. एलोवेरा के पौधे में अधिक पानी देने की आवश्यकता नहीं होती है, जिस कारण इसे एक बार लगाने पर धीरे-धीरे यह बढ़ता जाता है. एलोवेरा की सब्जी भी बनाई जाती है. एलोवेरा की सब्जी बनाने से पहले एलोवेरा की पत्तियों को काटकर उन्हें छिला जाता है.

    एलोवेरा

    छीलने के बाद उसे पर हल्दी लगाई जाती है ताकि उसमें और अधिक औषधीय गुण मिल जाए और उसका कड़वापन थोड़ा कम हो जाए. एलोवेरा की सब्जी बेहद टेस्टी और लाभदायक होती है. राजस्थान में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं केर और सांगरी के बाद सबसे ज्यादा सब्जी एलोवेरा की ही बनाती है.

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