कई राज्यों में मिली चुनावी हार के बाद कर्नाटक में मिली प्रचण्ड जीत कांग्रेस के लिए एक बूस्टर डोज है। कर्नाटक में भारी बहुमत से मिले विजयश्री के बाद कांग्रेस पार्टी के प्रत्येक कैडर में जोश नजर आ रहा है। आगामी विधानसभा चुनावों तथा लोकसभा चुनाव में यही बूस्टर डोज कांग्रेस के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। इतना ही नहीं कर्नाटक चुनाव परिणाम ने कांग्रेस तथा राहुल गांधी दोनों के लिए लोकसभा चुनाव 2024 की जमीन तैयार करने का काम कर दिया है।
दोस्तों, आपको बता दें कि कई राज्यों में मिली चुनावी हार के बाद कर्नाटक में मिली प्रचण्ड जीत कांग्रेस के लिए एक बूस्टर डोज है। कर्नाटक में भारी बहुमत से मिले विजयश्री के बाद कांग्रेस पार्टी के प्रत्येक कैडर में जोश नजर आ रहा है। आगामी विधानसभा चुनावों तथा लोकसभा चुनाव में यही बूस्टर डोज कांग्रेस के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। इतना ही नहीं कर्नाटक चुनाव परिणाम ने कांग्रेस तथा राहुल गांधी दोनों के लिए लोकसभा चुनाव 2024 की जमीन तैयार करने का काम कर दिया है।
मध्यप्रदेश, राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ में अलग-अलग चरणों में 2023 में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। जहां मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है, वहीं राजस्थान और छतीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है।
ऐसे में कांग्रेस हाईकमान ने लोकसभा चुनाव-2024 से पहले विभिन्न राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में ‘कर्नाटक टेम्पलेट’ लागू करने का निर्णय लिया है। बतौर उदाहरण मुफ्त उपहार, टिकटों का जल्द वितरण, स्थानीय रणनीति, सकारात्मक अभियान और कांग्रेस की विचारधारा पर जोर देना राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के लिए कांग्रेस की योजना की प्रमुख विशेषताएं हैं।
इन दिनों 38 सेकंड का एक छोटा सा वीडियो कांग्रेस पार्टी में जबरदस्त तरीके से वायरल हो रहा है, जिसमें बजरंगबली शैली में बने एक चरित्र को भगवान राम को सूचित करते हुए दिखाया गया है कि कर्नाटक में काम पूरा हो चुका है। इसमें हनुमान के उत्साही भक्त कमलनाथ को मदद के लिए कहते सुना जा सकता है। बता दें कि कमलनाथ मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री पद का चेहरा हैं।
यह एक संयोग है कि कमलनाथ अपने निर्वाचन क्षेत्र छिंदवाड़ा में हनुमानजी की 101 फीट ऊंची प्रतिमा भी स्थापित करवा चुके हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र से कमलनाथ तकरीबन 10 बार सांसद और विधानसभा सदस्य निर्वाचित हो चुके हैं। कांग्रेस ने अपने चुनावी रणनीति में जबरदस्त बदलाव किया है। माइंडशेयर एनालिटिक्स के पोल रणनीतिकार सुनील कानुगुलो और डिज़ाइन बॉक्स के नरेश अरोड़ा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जुड़े हुए हैं। विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुनील और नरेश सीधे कांग्रेस अध्यक्ष के कार्यालय को रिपोर्ट करते हैं। वहीं छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार, विनोद वर्मा ग्राउंड रिपोर्ट, टॉकिंग पॉइंट और निर्वाचन क्षेत्रवार प्रोफाइल तैयार करने में जुटे हुए हैं।
संभव है कांग्रेस ‘बैक टू बेसिक्स’ के दृष्टिकोण को ज्यादा तवज्जो दे रही है। इसी वजह से कर्नाटक जीत के तुरंत बाद सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी ने सिद्धारमैया, डीके शिवकुमार, मल्लिकार्जुन खड़गे, रणदीप सिंह सुरजेवाला तथा अन्य के साथ फोटो साक्षा करने से परहेज किया। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री के चयन के लिए नवनिर्वाचित विधायकों के साथ कांग्रेस अध्यक्ष को नियुक्त किया गया न कि सोनिया गांधी को।कर्नाटक में मिले प्रचंड जीत के बाद कांग्रेस अपने विश्वास और आत्मविश्वास को पुन: प्राप्त कर रही है कि वह नरेंद्र मोदी को हराने में सक्षम है। ऐसे में कांग्रेस लोकसभा चुनाव-2024 में संभावनाएं तलाशने में जुट गई है। कांग्रेस के राजनीतिक पर्यवेक्षकों तथा विश्लेषकों का मानना है कि आम चुनाव में भी कांग्रेस कर्नाटक जैसा ही प्रदर्शन दोहराएगी। कांग्रेस पदाधिकारी सलीम अहमद का मानना है कि ‘विधानसभा चुनावों ने हमें लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए बूस्टर डोज दिया है।